मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी पार्लियामेंट्री की बैठक में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की तारीफ की है। पीएम ने मुलायम के सकारात्मक कदम के लिए धन्यवाद दिया।
दरअसल, कांग्रेस लगातार संसद में सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। इस विरोध से समूचा विपक्ष खुश नहीं है। मुलायम सिंह यादव ने संसद में जारी गतिरोध पर नाखुशी जताई थी।
मुलायम सिंह यादव ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा था कि ये बहुत ज्यादा हो गया है, अगर आप लोग इसी तरह से विरोध करते रहेंगे तो हम आपका साथ नहीं दे पाएंगे।
मुलायम ने कहा है कि अगर कांग्रेस सदन में बहस नहीं करेगी, तो वह उसका साथ नहीं देंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी ने सांसदों के निलंबन की वजह से संसद का बहिष्कार नहीं किया था। सपा को इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी, जेडीयू ओर टीएमसी का समर्थन भी मिला है।
दरअसल, मॉनसून सत्र के शुरू होने के साथ से ही कांग्रेस के तेवर सख्त हैं। कांग्रेस सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग कर रही है। लिहाजा, 21 जुलाई को शुरू हुए सत्र में कांग्रेस और विपक्ष के विरोध के चलते एक दिन भी कामकाज नहीं हो पाया है।
कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि जब तक सरकार सभी दाग़ी मंत्रियों को उनके पद से नहीं हटाती है तब तक वे संसद की कार्यवाही चलने नहीं देंगे। कांग्रेसी सांसदों के जबरदस्त विरोध और तख़्तियां दिखाने के बाद ही स्पीकर ने कांग्रेस के 25 सांसदों को पांच दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया था। सोमवार को भी कांग्रेस ने संसद में अपना विरोध जारी रखा था।
दरअसल, कांग्रेस लगातार संसद में सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। इस विरोध से समूचा विपक्ष खुश नहीं है। मुलायम सिंह यादव ने संसद में जारी गतिरोध पर नाखुशी जताई थी।
मुलायम सिंह यादव ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा था कि ये बहुत ज्यादा हो गया है, अगर आप लोग इसी तरह से विरोध करते रहेंगे तो हम आपका साथ नहीं दे पाएंगे।
मुलायम ने कहा है कि अगर कांग्रेस सदन में बहस नहीं करेगी, तो वह उसका साथ नहीं देंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी ने सांसदों के निलंबन की वजह से संसद का बहिष्कार नहीं किया था। सपा को इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी, जेडीयू ओर टीएमसी का समर्थन भी मिला है।
दरअसल, मॉनसून सत्र के शुरू होने के साथ से ही कांग्रेस के तेवर सख्त हैं। कांग्रेस सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के इस्तीफ़े की मांग कर रही है। लिहाजा, 21 जुलाई को शुरू हुए सत्र में कांग्रेस और विपक्ष के विरोध के चलते एक दिन भी कामकाज नहीं हो पाया है।
कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि जब तक सरकार सभी दाग़ी मंत्रियों को उनके पद से नहीं हटाती है तब तक वे संसद की कार्यवाही चलने नहीं देंगे। कांग्रेसी सांसदों के जबरदस्त विरोध और तख़्तियां दिखाने के बाद ही स्पीकर ने कांग्रेस के 25 सांसदों को पांच दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया था। सोमवार को भी कांग्रेस ने संसद में अपना विरोध जारी रखा था।
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