अयोध्या में आज राम नवमी पर्व पर राम मंदिर में 'सूर्य तिलक' समारोह हुआ. इस दौरान राम लला की मूर्ति के माथे का सूर्य की किरण से अभिषेक किया गया. भगवान राम की मूर्ति पर सूर्य की किरणों से इस तरह के अभिषेक की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. वे चाहते थे कि अयोध्या का मंदिर प्राचीन और आधुनिक तकनीक का मिश्रण हो. राम मंदिर की निर्माण समिति के प्रमुख ने आज यह बात NDTV से कही.
एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी कहा कि 'सूर्य तिलक' समारोह हर साल होगा.
अयोध्या में आज समारोह में 5.8 सेंटीमीटर डायमीटर वाली सूर्य की किरण दोपहर में तीन से साढ़े तीन मिनट तक राम लला की मूर्ति के माथे पर सजी रही. इस उपलब्धि के पीछे 10 प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने दर्पण और लेंस के उपयोग से सूर्य की किरणों को सटीक रूप से मंदिर के अंदर मूर्ति के मस्तक तक पहुंचाया.
मंदिर में सूर्य की किरणों से अभिषेक का विचार कहां से आया? इस सवाल पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि, "यह पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विचार था. हमारी एक बातचीत में प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि हालांकि निर्माण के लिए प्राचीन तकनीक के उपयोग पर बहुत जोर दिया गया है, मंदिर 1000 वर्षों तक टिकाऊ है, लेकिन नई तकनीकों का भी उपयोग किया जाना चाहिए. पीएम मोदी का तकनीक के बारे में एक निश्चित दृष्टिकोण है और वे नई तकनीकों के प्रति सहज और ग्रहणशील हैं.
मिश्रा ने कहा कि, "उन्होंने मुझसे कहा 'आप सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ( CSIR) से बात क्यों नहीं करते?' जब मैं अपने दफ्तर में वापस आया तो मुझे एक घंटे के भीतर सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल का फोन आया. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री का फोन आया था. इसलिए आप कल्पना कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री दूर रहकर भी किस प्रकार फॉलो-अप करते हैं. वे न हस्तक्षेप करते हैं, न निर्देश देते हैं, बल्कि आपको इस तरह से प्रभावित करते हैं कि आपको यह विश्वास हो जाता है कि क्या संभव है और क्या नहीं."
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का इरादा यह सुनिश्चित करने का है कि 'सूर्य तिलक' समारोह हर साल राम नवमी पर आयोजित किया जाए.
निर्माण समिति प्रमुख ने कहा कि, "अयोध्या का 'सूर्य तिलक' समारोह एक बहुचर्चित कार्यक्रम था और इसमें संतुष्टि की भावना है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह हर साल हो. इस बार हमें गर्भगृह के ऊपर 'शिखर' के निर्माण के कारण कुछ एडजेस्टमेंट करना पड़ा. जब निर्माण पूरा हो जाएगा तो अगले साल तक सूर्य की किरणों की दिशा और कोण की गणना करते हुए एक स्थाई छेद बनाया जाएगा."
पूर्व नौकरशाह नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि उन्हें रामनवमी पर बहुत भारी भीड़ की उम्मीद थी लेकिन शायद ऐसा नहीं हुआ क्योंकि स्कूल खुले हैं और फसलों की कटाई का मौसम चल रहा है. निर्माण की प्रगति की स्थिति पर उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया एक चुनौती है, क्योंकि हर दिन मंदिर में बड़ी संख्या लोग आते हैं.
उन्होंने कहा कि, "हमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. अब केवल पहली और दूसरी मंजिल ही बची है और हमें सभी का समर्थन मिल रहा है. जिस तरह हमने 2023 में काम किया, उसी तरह हम 2024 के अंत तक निर्माण पूरा कर लेंगे."
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