
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने जाएंगे.
- ब्रिटेन में PM मोदी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करेंगे.
- समझौते से भारतीय निर्यात को टैरिफ में कटौती का लाभ मिलेगा और ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारतीय बाजार आसान होगा.
PM Modi's Britain and Maldives Visit: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और ऐतिहासिक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए बुधवार, 23 जुलाई से ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, मोदी पहले दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन जाएंगे और फिर "सम्मानित अतिथि" के रूप में द्वीप राष्ट्र के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मालदीव जाएंगे. चलिए समझने की कोशिश करते हैं कि पीएम मोदी कि यह यात्रा ऐतिहासिक और भारत की विदेश कूटनीति, उसके आर्थिक हित के लिए अहम क्यों होने जा रही है.
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर लगेगी मुहर
पीएम मोदी की इस यात्रा का पहला पड़ाव ब्रिटेन है. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. माना जा रहा है कि इस मुक्त व्यापार समझौते से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना करने का मार्ग प्रशस्त होगा. सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पीएम मोदी की लंदन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन द्वारा मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किये जाने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन ने समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी कर ली है.
गौरतलब है कि मई में भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया था, जिससे 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को टैरिफ से लाभ मिलने की उम्मीद है. वहीं इससे ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कार और अन्य उत्पादों का निर्यात आसान हो जाएगा. साथ ही समग्र (ओवरऑल) व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. अधिकारियों के अनुसार, तीन सालों की बातचीत के बाद तय हुए इस व्यापार समझौते से सभी क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं के लिए व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित होने की उम्मीद है और भारत को लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइन (उत्पाद श्रेणियों) पर टैरिफ हटने से लाभ होगा, जो लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्यों को कवर करेगा.
विदेश मंत्रालय ने रविवार को दो देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, स्टॉर्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे.
खास बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह ब्रिटेन की चौथी यात्रा होगी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे.'
मोहम्मद मुइज्जू को मैसेज
लंदन के बाद पीएम मोदी मालदीव जाएंगे. पीएम मोदी की 25 से 26 जुलाई तक होने वाली मालदीव यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करने का प्रतीक है. पीएम मोदी मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे. यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी, मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति और ‘विजन महासागर' (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) में एक विशेष स्थान रखता है.' मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा तथा मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी.
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं