विश्व पटल पर पीएम मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता हैं. यही वजह है कि वह जब किसी शिखर सम्मेलन में अपना संबोधन देते हैं तो पूरा विश्व उन्हें गंभीरता के साथ ना सिर्फ सुनता है बल्कि उनके सुझावों को अमल में लाने की कोशिश भी करता है. चाहे बात G20 सम्मेलन की हो या फिर क्वाड या आसियान सम्मेलन या फिर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की. हर मंच पर अब पीएम मोदी अपने संबोधन से सभी को प्रभावित कर रहे हैं. उनकी वजह से ही अब भारत को लेकर विश्व के दूसरे देशों के नजरिया भी औ बदला है. इसकी एक बानगी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी दिखी. सूत्रों के अनुसार इस सम्मेलन में मौजूदा मेजबान और अगले सम्मेलन के मेजबान के तुरंत बात सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को पहले नेता के तौर पर आमंत्रित किया गया. इसे भारत के बढ़ते रुतबे के तौर पर भी देखा जा रहा है.
पीएम मोदी को संबोधन के लिए बुलाने से पहले उनके बारे में जो उल्लेख किया गया उसमें साफ तौर पर कहा गया कि पीएम मोदी एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा बार पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लिया है. आपको बता दें कि आज तक पूर्वी एशिया सम्मेलन का कुल 19 बार आयोजन किया जा चुका है,जिनमें से पीएम मोदी नौवीं बार शिरकत कर रहे हैं. अगर बात पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की करें तो इसकी शुरुआत 2005 में मलेशिया के कुआलालंपुर आयोजित सम्मेलन से की गई थी. शुरुआत के दौर में इस सम्मेलन में कुल 16 प्रतिभागी देश शामिल थे.
"आने वाले समय में इस रिश्ते को और गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं"
पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वियनतियाने, लाओ पीडीआर में आयोजित 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया. भारत आसियान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है.हम आने वाले समय में इस रिश्ते को और भी गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी से काफी लाभ हुआ है और एक बेहतर ग्रह बनाने में योगदान मिला है. साथ ही, हम ऐसे इंडो-पैसिफिक की दिशा में काम करना चाहते हैं जो नियम आधारित,स्वतंत्र,समावेशी और खुला हो.
Took part in the 19th East Asia Summit being held in Vientiane, Lao PDR. India attaches great importance to friendly relations with ASEAN. We are committed to adding even more momentum to this relation in the times to come. Our Act East Policy has led to substantial gains and… pic.twitter.com/3DS7fjqfdI
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2024
पीएम मोदी ने सभी को दिया शांति का संदेश
पूर्वी एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि म्यांमार की स्थिति पर हम आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हम फाइव प्वाइंट कन्सेन्सस का भी समर्थन करते हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते, भारत अपना दायित्व निभाता रहेगा.
पीएम मोदी ने इस मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है. सभी चाहते हैं कि चाहे यूरेशिया हो या फिर पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द इन इलाकों में शांति बहाल होनी चाहिए. ये कहीं से भी मानवता के लिए सही नहीं है.
"आतंकवाद एक गंभीर खतरा"
पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद को एक बड़ा खतरा बताया.उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती की तरह है. इसका सामना करने के लिए, मानवता में विश्वास रखने वाली तमाम ताकतों को एकजुट होकर काम करना होगा.
तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति जताई संवेदना
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियों को यूएनसीएलओएस के तहत ही संचालित की जानी चाहिए.
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