लालकिला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशहरा के मौके पर दिल्ली के लाल किला मैदान से देश को संबोधित किया और बुराई पर अच्छाई की जीत का मतलब बताया. पीएम ने सबसे पहले देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विजयादशमी के पर्व पर हम सभी को 2022 तक देश के लिए कुछ न कुछ करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे सभी उत्सवों का मकसद समाज में फैली विकृतियों को मिटाना है. उन्होंने कहा, हमारे सभी उत्सव खेत खलिहानों से जुड़े हुए हैं. हमारे सभी उत्सव सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदा दशहरा महोत्सव में भाग लेने के लिए लाल किला पहुंचे थे. दशहरा कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भगवान राम की आरती की. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति कोविंद ने भी पूजा-अर्जना की. रावण दहन कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी थे.
पीएम मोदी के भाषण की कुछ खास बातें...
- हर उत्सव का मकसद समाज को प्रगति की ओर ले जाना है.
- पीएम ने कहा कि उत्सव मनोरंजन नहीं मकसद बनना चाहिए.
- हमारे उत्सव खेत खलिहान से भी जुड़े हैं. सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े हैं.
- हमें समाज और जीवन में व्याप्त रावण को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए.
- अयोध्या से निकले राम ऐसा संकल्प जगा देते हैं कि नर, वानर और प्रकृति सभी को अपने साथ जोड़ लेते हैं.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को भी संकल्प लेना चाहिए कि 2022 तक देश को कुछ न कुछ योगदान करें
VIDEO: दशहरे के लिए सजा मैसूर पैलेस
इससे पहले लाल किला मैदान पर रामलीला के आयोजन के सिलसिले में लगाया गया रावण का पुतला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहुंचने से कुछ घंटे पहले तेज हवा से गिर गया. कार्यक्रम आयोजक श्री धार्मिक लीला कमेटी के प्रेस सचिव रवि जैन ने बताया कि 80 से 90 फुट ऊंचा पुतला तेज हवा के कारण गिर गया. इस घटना से अधिकारी सकते में आ गए क्योंकि वे लोग शाम के वक्त प्रधानमंत्री की अगवानी करने की तैयारी में जुटे थे. जैन ने इसे एक छोटी सी घटना बताया और कहा कि पुतला फिर से खड़ा कर दिया गया. जैन ने बताया कि घटना में कोई घायल नहीं हुआ है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हालांकि, जैन के दावे से असहमति जताते हुए कहा कि पुतले के पास खड़े दो लोगों को मामूली चोटें आई और उनका प्राथमिक उपचार किया गया. गौरतलब है कि श्री धार्मिक लीला कमेटी लाल किला मैदान में हर साल रामलीला समारोह का आयोजन करने वाली पुरानी संस्थाओं में एक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे सभी उत्सवों का मकसद समाज में फैली विकृतियों को मिटाना है. उन्होंने कहा, हमारे सभी उत्सव खेत खलिहानों से जुड़े हुए हैं. हमारे सभी उत्सव सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदा दशहरा महोत्सव में भाग लेने के लिए लाल किला पहुंचे थे. दशहरा कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भगवान राम की आरती की. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति कोविंद ने भी पूजा-अर्जना की. रावण दहन कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी थे.
पीएम मोदी के भाषण की कुछ खास बातें...
- हर उत्सव का मकसद समाज को प्रगति की ओर ले जाना है.
- पीएम ने कहा कि उत्सव मनोरंजन नहीं मकसद बनना चाहिए.
- हमारे उत्सव खेत खलिहान से भी जुड़े हैं. सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े हैं.
- हमें समाज और जीवन में व्याप्त रावण को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए.
- अयोध्या से निकले राम ऐसा संकल्प जगा देते हैं कि नर, वानर और प्रकृति सभी को अपने साथ जोड़ लेते हैं.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को भी संकल्प लेना चाहिए कि 2022 तक देश को कुछ न कुछ योगदान करें
VIDEO: दशहरे के लिए सजा मैसूर पैलेस
इससे पहले लाल किला मैदान पर रामलीला के आयोजन के सिलसिले में लगाया गया रावण का पुतला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहुंचने से कुछ घंटे पहले तेज हवा से गिर गया. कार्यक्रम आयोजक श्री धार्मिक लीला कमेटी के प्रेस सचिव रवि जैन ने बताया कि 80 से 90 फुट ऊंचा पुतला तेज हवा के कारण गिर गया. इस घटना से अधिकारी सकते में आ गए क्योंकि वे लोग शाम के वक्त प्रधानमंत्री की अगवानी करने की तैयारी में जुटे थे. जैन ने इसे एक छोटी सी घटना बताया और कहा कि पुतला फिर से खड़ा कर दिया गया. जैन ने बताया कि घटना में कोई घायल नहीं हुआ है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हालांकि, जैन के दावे से असहमति जताते हुए कहा कि पुतले के पास खड़े दो लोगों को मामूली चोटें आई और उनका प्राथमिक उपचार किया गया. गौरतलब है कि श्री धार्मिक लीला कमेटी लाल किला मैदान में हर साल रामलीला समारोह का आयोजन करने वाली पुरानी संस्थाओं में एक है.