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This Article is From Feb 12, 2021

PM मोदी, अमित शाह मेरे मित्र, बीजेपी में शामिल होने में कोई बुराई नहीं : दिनेश त्रिवेदी

बीजेपी में जाने के सवाल पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र भाई, अमित भाई के साथ उनके रिश्ते अच्छे हैं, बीजेपी का दरवाजा हमेशा उनके खुला है. बीजेपी में जाने की बात उनके लिए फख्र की बात होगी.

पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में किया त्यागपत्र का ऐलान

नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसद दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने शुक्रवार को राज्यसभा में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस हम सबने मिलकर बनाई है. लेकिन पार्टी की आत्मा चली गई है. त्रिवेदी ने कहा कि 100-500 करोड़ रुपये सलाहकारों को दिया जा रहा है, क्या यह पैसा गरीबों को नहीं दिया जा सकता. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तो वामपंथियों के खिलाफ अकेले जमीन पर लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब वैसा नहीं रहा. बीजेपी में जाने के सवाल पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र भाई, अमित भाई के साथ उनके रिश्ते अच्छे हैं, बीजेपी का दरवाजा हमेशा उनके खुला है. बीजेपी में जाने की बात उनके लिए फख्र की बात होगी.

बता दें कि दिनेश त्रिवेदी शुक्रवार को सदन में ही इस्तीफे का ऐलान किया. सांसद दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, 'मैं आज यहां से इस्तीफा दे रहा हूं.' .राज्‍यसभा सभापति ने दिनेश त्रिवेदी का इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है. चुनाव आयोग से खाली हुए पद पर उप चुनाव कराने के लिए कहा जाएगा.केंद्रीय मंत्री रह चुके त्रिवेदी ने कहा, 'मुझसे अब देखा नहीं जा रहा मुझे घुटन महसूस हो रही है मेरी आत्मा मुझसे आज यह कह रही है यहां बैठे-बैठे आप चुपचाप रहो आज मैं देश के लिए बंगाल के लिए अपना इस्तीफा दे रहा हूं.' 

तृणमूल नेताओं के पलटवार पर दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि जमीनी हकीकत क्या है. BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले की निंदा करने को लेकर तृणमूल नेताओं ने उन पर निशाना साधा था. लेकिन उन्हें नहीं पता कि जनता इस पर क्या सोचती है. पूर्व रेल मंत्री ने कहा, TMC को आउटसोर्स कर दिया गया है और पार्टी कारपोरेट संस्कृति पर चल रही है. त्रिवेदी का कहना है कि पार्टी अपनी आत्मा खो चुकी है. राजनीतिक नेता इसे नहीं चला रहे. मां माटी और मानुष की बात करने वाले करोड़ों रुपये सलाहकारों पर लुटा रहे हैं. जबकि यह पैसा गरीबों की भलाई पर खर्च किया जा सकता था.  

कहा यह भी जा रही है कि टीएमसी में क्या बोला जाए तो इसको लेकर भी पार्टी ने लाइन तय कर दी थी, इसको लेकर भी दिनेश त्रिवेदी काफी नाराज थे. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद भी तमाम नेताओं में अंसतोष है. सुवेंदु अधिकारी समेत कई नेताओं ने यही मुद्दा उठाते हुए इस्तीफा दिया है.दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर पार्टी नेता सौगत रे (Saugata Ray) ने कहा है कि यह पार्टी के लिए कोई झटका नहीं है. उनका बंगाल में कोई जमीनी आधार नहीं है.

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