जम्मू सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलाबारी पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। पाकिस्तानी फायरिंग के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना को लेकर सरकार ने सख्ती दिखाई है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस मामले में सेना से उचित कार्रवाई के लिए कहा है। पीएमओ ने कहा है कि भारत, पाकिस्तान के दबाव में नहीं आएंगा। पूरे मामले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नजर है।
वहीं भारत सरकार के शीर्षस्थ सूत्रों के मुताबिक, संघर्षविराम के लगातार उल्लंघन के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह भी पलटवार करने से नहीं हिचकेगा। फायरिंग में दो महिलाओं की मौत हुई है और तीन बीएसएफ जवानों समेत 20 लोग घायल हुए हैं।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारत ने फैसला किया है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग रुक नहीं जाती तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की फ्लैग मीटिंग की पेशकश होने पर उसे ठुकराने के निर्देश मिले हैं, जब तक पाक रेंजर्स फायरिंग को पूरी तरह बंद नहीं कर देते।
सरकार का मानना है कि सीजफायर का उल्लंघन और बातचीत साथ−साथ नहीं हो सकती। गोलाबारी रोकने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी देने को भी कहा गया है। सेना को मुंहतोड़ जवाब देने का आदेश मिले हैं।
रात भर सीमा के दोनों तरफ गोलियां गूंजती रहीं। बीएसएफ की करीब 63 चौकियों को निशाना बनाया गया है। कानाचक, अरनिया और परगवाल सेक्टर में करीबन हर पोस्ट पर गोलाबारी हुई है। सांबा, हीरानगर और आरएसपुरा सेक्टर में भी बीएसएफ की चौकियों को निशाना बनाया गया। भारत इसका कड़ा जवाब दे रहा है।
खबर है कि बीएसएफ ने भी इसके जवाब में 73 पाकिस्तानी चौकियों पर फायरिंग कर जवाब दिया है। अरनिया में बीएसएफ के तीन जवान घायल हुए है जबकि पुंछ में सेना के एक जेसीओ घायल हुए हैं। ताज़ा गोलाबारी में दो महिलाओं की मौत और 17 स्थानीय लोग घायल हुए हैं। सीमा पर तनाव को बढ़ता देख लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। हीरानगर और सांबा के सीमावर्ती गांवों से बड़ी तादाद में लोग सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं।
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