अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं के एक शिष्टमंडल (Afghan Sikh and Hindu delegation) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आवास पर उनसे मुलाकात की. भारत में बड़ी संख्या में अफगान सिख और हिंदू रहते हैं और हाल में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद भारत सरकार ने उनमें से अनेक को वहां से निकाला था.
अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति मोदी सरकार ने कई बार अपनी प्रतिबद्धता जताई है.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास पर सिख समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और आध्यात्मिक नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी के बाद ये मुलाकात हुई है. पीएम मोदी ने नामधारी संप्रदाय के आध्यात्मिक नेता, लुधियाना के भैनी साहिब से उदय सिंह के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर भी ट्विटर पर पोस्ट की है.
बड़ी बात यह है कि यह मुलाकात 20 फरवरी को होनेवाले पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले हुई है. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "संत समाज और सिख समुदाय की प्रतिष्ठित हस्तियों से मुलाकात की. ये सभी पटवंत थे जिन्होंने पूरे देश और दुनिया में सिख समुदाय और संस्कृति का प्रसार किया और मानवता की सेवा की."
प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा साझा की गई बैठक के एक वीडियो में सिख प्रतिनिधियों द्वारा पीएम मोदी को 'कृपाण' उपहार में देते देखा गया. हाल के वर्षों में भारत ने अफगानिस्तान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
भारत ने युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता के तहत चिकित्सा सहायता के अपने चौथे बैच के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान को तीन टन दवाओं की आपूर्ति की है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हमारी चल रही मानवीय सहायता के हिस्से के रूप में, भारत ने अफगानिस्तान को तीन टन आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं से युक्त चिकित्सा सहायता के चौथे बैच की आपूर्ति की. इसे 29 जनवरी को इंदिरा गांधी अस्पताल, काबुल को सौंप दिया गया था."
हाल के वर्षों में भारत के सहयोग से अफागनिस्तान में पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं. भारत का जोर अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण और कुशलता पर रहा है.
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