देश में आपातकाल (Emergency) की अवधि के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है. याचिका में अदालत से उन्हें स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने की मांग की गई है. अखिल भारतीय लोकतंत्र सेनानी संयुक्त कार्रवाई समिति ने उसे 94 वर्षीय वेरन सरीन की ओर से दायर याचिका का हिस्सा बनने की मांग की है. उन्होंने 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित किए गए आपातकाल को असंवैधानिक घोषित करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.
सरीन ने 1975 के आपातकाल को असंवैधानिक घोषित करने और 25 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. सरीन ने आपातकाल के दौरान उनकी संपत्ति जब्त किए जाने की दलील देते हुए मुआवजे की मांग रखी थी. गौरतलब है कि 1975 में आपातकाल के दौरान सैकड़ों लोगों को हिरासत में रखा गया था. आपातकाल के दौरान गिरफ्तार या हिरासत में रखे गए लोगों को सुविधाएं देने की मांग पहले भी कई मंचों के जरिये रखी गई है. अब अखिल भारतीय लोकतंत्र सेनानी संयुक्त कार्रवाई समिति ने इस मामले में अदालत का रुख किया है.
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