भाखड़ा बांध के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में चल रहा है पा
Punjab-Haryana Water Dispute: भाखड़ा बांध के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा की सरकारें आमने-सामने है. शनिवार को इस मामले में दोनों राज्यों में कई गतिविधियां हुई. हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सर्वदलीय बैठक की. जिसमें पानी रोके जाने को दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने पंजाब सरकार ने बिना शर्त पानी छोड़ने की मांग की. इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इस मामले में सर्वदलीय बैठक की थी. इधर शनिवार को पंजाब ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की बैठक से दूर रहने की घोषणा की. इधर भाखंड़ा नहर में पानी छोड़े जाने की मांग पर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई है.
पंजाब सरकार ने BBMB की बैठक को गैरकानूनी बताया
पंजाब-हरियाणा में जल बंटवारे पर बीबीएमबी बैठक को पंजाब सरकार ने असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया. पंजाब सरकार ने कहा कि बीबीएमबी की मीटिंग तय करने से पहले रेगुलेशन 1976 की धारा 7 के तहत सात दिन का नोटिस जरूरी होता है.
ਪਿਛਲੇ ਦਿਨੀਂ ਕੇਂਦਰ ਦੀ ਬੀਜੇਪੀ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਧੱਕੇ ਨਾਲ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ ਨੂੰ ਲੁੱਟਣ ਲਈ ਚੱਲੀ ਕੋਝੀ ਚਾਲ ਨਾਕਾਮ ਕੀਤੀ। ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਅਸੀਂ ਬੈਠੇ ਹਾਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ 'ਤੇ ਡਾਕਾ ਨਹੀਂ ਵੱਜਣ ਦੇਵਾਂਗੇ। ਅਸੀਂ ਪਾਣੀਆਂ ਦੀ ਬੂੰਦ-ਬੂੰਦ ਦੀ ਰਾਖ਼ੀ ਕਰਾਂਗੇ।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) May 3, 2025
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पिछले दिनों केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा जबरदस्ती पंजाब के… pic.twitter.com/Ke1WYkQGSi
पंजाब ने मीटिंग स्थगित करने की मांग की
पंजाब सरकार ने कहा कि BBMB जबतक उचित प्रक्रिया नहीं अपनाएगा हम मीटिंग का हिस्सा नहीं बनेंगे. पंजाब सरकार ने मीटिंग से पहले बीबीएमबी को पत्र भेजकर यह मांग की है कि इस मीटिंग को स्थगित किया जाए. यह बैठक गैरकानूनी तरीके से बुलाईं गई है. यह बैठक शनिवार शाम 5 बजे BBMB मुख्यालय में बुलाई गई थी.
पानी छोड़े जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
बीबीएमबी के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में छिड़ा विवाद हाईकोर्ट भी पहुंचा. भाखड़ा नहर में जल आपूर्ति को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. हाालांकि हाइकोर्ट की रजिस्ट्री में दायर की गई याचिका अभी स्वीकार नहीं हुई है.
भाखड़ा हेडक्वार्टस पर तैनात पुलिस बल हटाया जाए
हरियाणा में पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध न होने के चलते एक याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. जिसमें कहा गया है कि वह संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी करे कि भाखड़ा हेडक्वार्टस पर तैनात पुलिस बल को हटाया जाए ताकि भाखड़ा नहर में जल प्रवाह निर्बाध रूप से जारी रह सके.
पानी रोके जाने से हरियाणा में गहराया जल संकट
याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिस द्वारा नहरों पर जल प्रवाह रोकने हेतु कथित अवैध बल प्रयोग किया जा रहा है. जिससे प्रदेश के लोगों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि एक स्पष्ट आदेश जारी किया जाए जिससे न केवल जल प्रवाह बाधित करने वाले किसी भी गैरकानूनी उपाय पर रोक लगे, बल्कि भाखड़ा नहर में 8500 क्यूसेक पानी तत्काल छोड़ा जाए.
हरियाणा में सर्वदलीय बैठक, पंजाब से ‘बिना शर्त' पानी छोड़ने की मांग
इधर पंजाब के साथ नदी जल बंटवारे को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नीत हरियाणा सरकार ने शनिवार को यहां सर्वदलीय बैठक की और इसमें पड़ोसी राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार से भाखड़ा बांध से ‘‘बिना शर्त'' पानी छोड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया गया.
हरियाणा सरकार का यह कदम एक दिन पहले पंजाब में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद सामने आया है. पंजाब में हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य सरकार द्वारा भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार करने का समर्थन किया गया था.
पंजाब अपने आवंटित हिस्से से कहीं ज्यादा मात्रा में पानी का उपयोग कर रहा है। दूसरी ओर हरियाणा को उसके आवंटित हिस्से का 17% पानी कम मिल रहा है।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) May 3, 2025
मान सरकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भ्रमित करने का काम कर रही है। मैं पंजाब-हरियाणा के अपने परिवारजनों के समक्ष आंकड़े साझा कर रहा हूँ... pic.twitter.com/ma7BJgdPWh
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के पानी छोड़ने के निर्देश का पालन न करना ‘‘असंवैधानिक, अमानवीय'' और संविधान के संघीय ढांचे पर हमला है.
बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें पंजाब सरकार से अपील की गई कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी समिति द्वारा 23 अप्रैल तथा 30 अप्रैल को लिए गए निर्णयों को बिना शर्त तत्काल लागू किया जाए.
नायब सिंह सैनी बोले- पड़ोसी का दर्द समझे पंजाब...
राज्य के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प जताते हुए सैनी ने कहा कि ‘‘हमारा रास्ता टकराव का नहीं, बल्कि सहयोग का है.'' उन्होंने भगवंत मान सरकार से ‘‘पड़ोसी के दर्द को समझने'' का आग्रह किया. सैनी ने कहा, ‘‘उन्हें (पंजाब सरकार) पानी छोड़ने पर अमानवीय, असंवैधानिक, अवैध और अनुचित प्रतिबंध को तुरंत हटाना चाहिए. हम कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.''
शनिवार को हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्य की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, ऊर्जा मंत्री अनिल विज, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदय भान, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दुष्यंत चौटाला, आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के रामपाल माजरा मौजूद थे.
पंजाब सरकार ने हरियाणा को अधिक पानी देने से किया इनकार
इससे एक दिन पहले, पंजाब में आप सरकार ने भी इसी तरह की बैठक की जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई सहित विभिन्न दलों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई. पंजाब सरकार ने भाजपा शासित हरियाणा को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया है, जिससे नया विवाद पैदा हो गया है.
अपने हिस्से का 103 प्रतिशत पानी उपयोग कर चुका हरियाणाः पंजाब सरकार
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि उनकी सरकार पड़ोसी राज्य को और पानी छोड़ने की अनुमति नहीं देगी. उन्होंने दावा किया कि हरियाणा पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत उपयोग कर चुका है. मान ने कहा था कि पंजाब सरकार ने मानवीय आधार पर छह अप्रैल से हरियाणा को प्रतिदिन 4,000 क्यूसेक पानी आवंटित किया है.
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