राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा एवं आरएसएस पर अपने हमले को तेज करते हुए कहा कि लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जनवादी नेताओं का समर्थन इसलिए करते हैं क्योंकि वे नौकरी नहीं होने को लेकर गुस्से में हैं. यहां भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा कि समस्या के समाधान की बजाए ये नेता उस गुस्से को भुनाते हैं और देश को नुकसान पहुंचाते हैं. राहुल ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी का ‘संकट बड़ा है’ और भारत सरकार इसे स्वीकार नहीं करना चाहती. यहां प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि चीन एक दिन में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है जबकि भारत में एक दिन में केवल 450 नौकरियां ही पैदा होती हैं यह एक आपदा है.
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राहुल गांधी ने भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत में प्रधानमंत्री बनने के सवालों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वे अभी फिलहाल प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पत्रकारों ने सवाल किया, 'क्या आप खुद को भारत के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं. मुझमें यह बदलाव 2014 के बाद आया. मुझे लगा कि भारत में जैसी घटनाएं हो रही हैं, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है. मुझे इससे देश की हिफाजत करनी है.'
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वहीं राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा, “आरएसएस और मुस्लिम ब्रदरहुड में काफी समानता है. वे सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हैं.
(इनपुट भाषा से)
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राहुल गांधी ने भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत में प्रधानमंत्री बनने के सवालों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वे अभी फिलहाल प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पत्रकारों ने सवाल किया, 'क्या आप खुद को भारत के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं. मुझमें यह बदलाव 2014 के बाद आया. मुझे लगा कि भारत में जैसी घटनाएं हो रही हैं, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है. मुझे इससे देश की हिफाजत करनी है.'
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वहीं राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा, “आरएसएस और मुस्लिम ब्रदरहुड में काफी समानता है. वे सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हैं.
(इनपुट भाषा से)
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