पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चार वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को अधिकारियों से अनुरोध किया कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलने दिया जाए. पिछले साल राज्य में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किये जाने के बाद से महबूबा लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में हैं. श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी को लिखे एक पत्र में पीडीपी नेताओं ने कहा कि देश के लोकतंत्र के तहत महबूबा को आगंतुकों से मिलने का अधिकार है.
गुलाम नबी लोन, अब्दुल रहमान वीरी, खुर्शीद आलम और एजाज मीर ने अपने पत्र में कहा, “पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 को अवैध रूप से रद्द किये जाने और बाद में राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के बाद अगस्त 2019 से ही जेल में हैं. दुर्भाग्य से हमारे कई प्रयासों के बावजूद राज्य प्रशासन ने हमें तबसे ही उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी है.” महबूबा को उनके फेयरब्यू आवास पर हिरासत में रखा गया है जिसे सहायक जेल घोषित किया जा चुका है. नेताओं ने कहा कि राजनीतिक बंदी के तौर पर पीडीपी अध्यक्ष के कुछ अधिकार हैं जो छीने नहीं जा सकते. उन्होंने पत्र में कहा, “कानूनी सहायता और पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के अलावा इनमें हफ्ते में कम से कम दो बार आगंतुकों से मुलाकात शामिल है और मुझे विश्वास है कि संविधान के मुताबिक महबूबा मुफ्ती को भी ये हक पाने का अधिकार है.”
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पीडीपी नेताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को हिरासत में लिये जाने के बाद से ही पार्टी के किसी सदस्य से मिलने की इजाजत नहीं दी गई. ऐसे में उन्होंने एक बार फिर जिलाधिकारी से उन्हें अपनी नेता से मिलने की इजाजत देने का अनुरोध किया है. महबूबा की बेटी इल्तिजा ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि “अवैध हिरासत के दौरान मुफ्ती को परिवार के करीबी सदस्यों के अलावा किसी से मिलने की इजाजत नहीं दी गई.”
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