वायुसेना का यह स्टेशन मिग-29 और अटैक हेलीकॉप्टर का बेस है
नई दिल्ली:
पंजाब के पठानकाट स्थित एयरबेस पर हुए हमला के पीछे आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जिस तरीक़े से हमला हुआ, उससे लगता है कि जैश ने ही इसे अंजाम दिया है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
(पढ़ें- पठानकोट में एयरफोर्स बेस को आतंकियों ने बनाया निशाना)
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के बहावलपुर से करीब चार से पांच आतंकवादी 31 दिसंबर की रात को सरहद पार से भारत में दाख़िल हुए। इन्होंने पहले एक एसपी रैंक के अफ़सर की गाड़ी हाइजैक की। मामला जब रिपोर्ट हुआ तब पूरे इलाक़े में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया और गुरदासपुर और जम्मू में तलाशी अभियान शुरू किए गए। उसी दौरान एक गाड़ी में एक सर कटा शव मिला।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जिस पुलिसवाले की गाड़ी छीनी उसका फ़ोन भी आतंकवादियों ने ले लिया था और उससे उन्होंने पाकिस्तान फ़ोन भी किया था। उसी पता चला कि हमला कहां से लांच किया गया है।'
(पढ़ें- हाई अलर्ट पर था पंजाब)
उनके मुताबिक़ ख़ुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस ऑपरेशन को देख रहे थे। पीछे 24 घंटी में ये साफ़ हो गया था कि आतंकी हमला होने वाला है, इसीलिए गुरदासपुर और पठानकोट में अलर्ट था और जम्मू कश्मीर पुलिस और पंजाब पुलिस भी अलर्ट थी।
उधर गृह मंत्रालय इस हमले को सुरक्षा व्यवस्था में एक बहुत बड़ी चूक मान रहा है। अभी नए साल के मौके पर आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अलर्ट भी जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद सीमा पार से घुसपैठ हुई और हमला हुआ। गृह मंत्रालय की मानें तो आतंकवादियों का मक़सद एयरफोर्स बेस को ज़्यादा से ज़्यादा नुक़सान पहुंचाना था, हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं हो सके और वायुसेना के सारे विमान सुरक्षित है।
वहीं एक अधिकारी ने कहा, 'सरकार इस हमले को भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुई शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश के तौर पर देख रही है। पाकिस्तान में कुछ लोग नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध हो, इसीलिए ये हमला करवाया गया है।'
(पढ़ें- पठानकोट में एयरफोर्स बेस को आतंकियों ने बनाया निशाना)
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के बहावलपुर से करीब चार से पांच आतंकवादी 31 दिसंबर की रात को सरहद पार से भारत में दाख़िल हुए। इन्होंने पहले एक एसपी रैंक के अफ़सर की गाड़ी हाइजैक की। मामला जब रिपोर्ट हुआ तब पूरे इलाक़े में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया और गुरदासपुर और जम्मू में तलाशी अभियान शुरू किए गए। उसी दौरान एक गाड़ी में एक सर कटा शव मिला।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जिस पुलिसवाले की गाड़ी छीनी उसका फ़ोन भी आतंकवादियों ने ले लिया था और उससे उन्होंने पाकिस्तान फ़ोन भी किया था। उसी पता चला कि हमला कहां से लांच किया गया है।'
(पढ़ें- हाई अलर्ट पर था पंजाब)
उनके मुताबिक़ ख़ुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस ऑपरेशन को देख रहे थे। पीछे 24 घंटी में ये साफ़ हो गया था कि आतंकी हमला होने वाला है, इसीलिए गुरदासपुर और पठानकोट में अलर्ट था और जम्मू कश्मीर पुलिस और पंजाब पुलिस भी अलर्ट थी।
उधर गृह मंत्रालय इस हमले को सुरक्षा व्यवस्था में एक बहुत बड़ी चूक मान रहा है। अभी नए साल के मौके पर आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अलर्ट भी जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद सीमा पार से घुसपैठ हुई और हमला हुआ। गृह मंत्रालय की मानें तो आतंकवादियों का मक़सद एयरफोर्स बेस को ज़्यादा से ज़्यादा नुक़सान पहुंचाना था, हालांकि वे इसमें कामयाब नहीं हो सके और वायुसेना के सारे विमान सुरक्षित है।
वहीं एक अधिकारी ने कहा, 'सरकार इस हमले को भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुई शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश के तौर पर देख रही है। पाकिस्तान में कुछ लोग नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध हो, इसीलिए ये हमला करवाया गया है।'
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