शिक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Education) ने अपनी रिपोर्ट राज्यसभा (Rajya Sabha)में दाखिल कर दी है. रिपोर्ट कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में लॉकडान के कारण लर्निंग प्रोसेस में आए गेप की भरपाई करने, ऑनलाइन और ऑफलाइन निर्देशों और परीक्षाओं की समीक्षा तथा स्कूलों को फिर से खोलने के मुद्दे पर सुझाव दिए गए हैं. समिति के चेयरमैन और बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे (Vinay Sahasrabuddhe) ने इन मुद्दे पर NDTV से बात की. उन्होंने कहा कि हमने सिफारिश की है कि भविष्य में महामारी के असर से निपटने के लिए देश के हर जिले के शहरी इलाकों में और हर तहसील के ग्रामीण इलाकों में एक ऐसा स्कूल बनाया जाए जो टेक्नोलॉजी से लैस हो और इस तरह के महामारी में घर बैठे छात्रों को स्कूल की तरह पढ़ाई कराने की क्षमता रखे. इससे महामारी के दौरान भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षा बहाल रखी जा सके.
सहस्त्रबुद्धे ने जोर देकर कहा कि सरकार को डिजिटल स्कूल के लिए भी ज्यादा आवंटन करना चाहिए जिससे कि स्कूल एजुकेशन का डिजिटलाइजेशन और बढ़ाया जा सके. इसरो की मदद से शिक्षा सेक्टर में सैटेलाइट टीवी का इस्तेमाल बढ़ाना जरूरी है इससे कंट्रीवाइड क्लासरूम बनाने में मदद मिलेगी.उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान कितने बच्चे लॉकडाउन में प्रभावित हुए, इस पर शिक्षा मंत्रालय एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है. जब तक यह रिपोर्ट तैयार नहीं होती तब तक इस बारे में कोई अनुमान लगाना सही नहीं होगा.
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