नई दिल्ली:
लोकपाल विधेयक पर विचार करने वाली संसदीय समिति को दो महीने का विस्तार मिला है और इसका कार्यकाल बढ़कर सितंबर तक हो गया है।
पिछले महीने के अंत तक कार्य समाप्त नहीं पर पाने के मद्देनजर समिति के कार्यकाल को बढ़ाया गया है। यह इस समिति के कार्यकाल का दूसरा विस्तार है।
कांग्रेस सांसद ईएम सुदर्शन नचियप्पन के नेतृत्व वाली कार्मिक, लोकशिकायत तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय से संबंधित संसद की 31-सदस्यीय स्थायी समिति लोकपाल और लोकायुक्त एवं अन्य संबंधित कानूनों का संशोधन विधेयक 2014 पर विचार कर रही है।
नचियप्पन ने कहा, हमें अपना काम पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए 30 सितंबर तक का समय मिला है। यह संशोधन विधेयक पिछले वर्ष 18 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इसे 22 दिसंबर को समिति को भेज दिया गया। समिति से इस वर्ष 25 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।
समिति का कार्यकाल 30 जुलाई को समाप्त हो रहा था, अत: उसने काम पूरा करने के लिए कार्यकाल को बढ़ाने जाने की मांग की थी। रिपोर्ट राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को पेश की जानी है।
पिछले महीने के अंत तक कार्य समाप्त नहीं पर पाने के मद्देनजर समिति के कार्यकाल को बढ़ाया गया है। यह इस समिति के कार्यकाल का दूसरा विस्तार है।
कांग्रेस सांसद ईएम सुदर्शन नचियप्पन के नेतृत्व वाली कार्मिक, लोकशिकायत तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय से संबंधित संसद की 31-सदस्यीय स्थायी समिति लोकपाल और लोकायुक्त एवं अन्य संबंधित कानूनों का संशोधन विधेयक 2014 पर विचार कर रही है।
नचियप्पन ने कहा, हमें अपना काम पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए 30 सितंबर तक का समय मिला है। यह संशोधन विधेयक पिछले वर्ष 18 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इसे 22 दिसंबर को समिति को भेज दिया गया। समिति से इस वर्ष 25 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।
समिति का कार्यकाल 30 जुलाई को समाप्त हो रहा था, अत: उसने काम पूरा करने के लिए कार्यकाल को बढ़ाने जाने की मांग की थी। रिपोर्ट राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को पेश की जानी है।
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