
मंदाकिनी, जिनका असली नाम यास्मीन जोसेफ है, 1980 के दशक की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से थीं जिन्होंने अपने अलग अंदाज और बोल्ड इमेज से हिंदी सिनेमा में गहरी छाप छोड़ी. 1985 में आई फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से उन्होंने बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री की, और रातों-रात सुपरस्टार बन गईं. उनकी खूबसूरती, मासूमियत और अभिनय की वजह से वे दर्शकों की चहेती रहीं. हालांकि, उनका फिल्मी सफर लंबा नहीं रहा और निजी जीवन की वजह से उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली. मंदाकिनी की कहानी फिल्मों, शोहरत और उनके निजी जीवन के उतार-चढ़ाव से भरी है, जो आज भी लोगों के लिए दिलचस्प बनी हुई है.
मंदाकिनी का जन्म 30 जुलाई 1963 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनका असली नाम यास्मीन जोसेफ था.
1985 में राज कपूर की सुपरहिट फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से डेब्यू किया, जो उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट बनी.
इस फिल्म के बाद वे रातों-रात मशहूर हो गईं और उनकी मासूमियत व बोल्ड सीन दोनों चर्चा में रहे.
शुरुआती सफलता के बाद उन्हें उतनी बड़ी फिल्में नहीं मिल पाईं और धीरे-धीरे उनका करियर धीमा पड़ गया.
1990 के दशक में उनका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ा गया, जिससे उनकी पब्लिक इमेज प्रभावित हुई.
मंदाकिनी ने डॉ. काग्युर टी. रिनपोचे ठाकुर से शादी की, जो एक तिब्बती डॉक्टर और पूर्व भिक्षु हैं.
इस शादी से उन्हें दो बच्चे हुए– एक बेटा रब्बील और एक बेटी रब्जे इनाया ठाकुर.
शादी के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और पारिवारिक जीवन पर ध्यान केंद्रित किया.
मंदाकिनी आज योगा और वैकल्पिक चिकित्सा (alternative therapy) से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं.
पिछले कुछ साल पहले वे अपने बेटे के म्यूजिक वीडियो में काम कर चर्चा में आई थीं. फिलहाल वे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं.
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