मानसून सत्र से पहले एक्शन में KCR, 2 CM समेत विपक्षी दलों के 6 नेताओं से की बात; संसद में मजबूत लड़ाई के संकेत

केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की समर्थक रही है. लेकिन अभी केंद्र और भाजपा के प्रति प्रमुख विपक्षी आवाजों में से एक है.

नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) से पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (KCR) एक्शन में नजर आ रहे हैं. वह केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एक करने की रणनीति पर जोर-शोर से काम कर रहे हैं. सीएम केसीआर ने सभी राज्यों में समान विचारधारा वाले दलों को केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए एकसाथ लाने की मुहिम छेड़ दी है. इसके तहत केसीआर ने विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ फोन पर बातचीत की. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से फोन पर बातचीत की. 

इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के करीबी सहयोगियों, राजद नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और विपक्षी दलों के अन्य राष्ट्रीय नेताओं से भी बात की. बताया जा रहा है कि केंद्र के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई शुरू करने के सीएम केसीआर के प्रस्ताव पर विपक्षी दलो के नेता सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

"काम कुछ भी नहीं, सिर्फ बातें", पीएम के हैदराबाद दौरे से पहले CM केसीआर ने कसा तंज

बता दें, केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की समर्थक रही है. अक्सर संसद में प्रमुख मुद्दों पर पीएम मोदी का समर्थन करते हुए इस पार्टी को देखा गया है. लेकिन अभी तेलंगाना के मुख्यमंत्री कई मुद्दों पर केंद्र और भाजपा के प्रति प्रमुख विपक्षी आवाजों में से एक हैं.

पिछले हफ्ते, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में "सबसे कमजोर और अक्षम" प्रधानमंत्री बताया था. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में "दोहरे इंजन वाली गैर-भाजपा सरकार" की जरूरत है.

'नफरत की राजनीति बढ़ी तो देश को उबरने में लगेंगे 100 साल ' : तेलंगाना के CM केसीआर बोले

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अप्रैल में, राव ने एनडीए सरकार की नीतियों से 'देश को बचाने' में अपनी पूरी क्षमता से काम करने का वादा किया था. पार्टी के 21वें स्थापना दिवस समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि देश को एक वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत है.