ओ. पन्नीरसेल्वम की फाइल तस्वीर
थेनी (तमिलनाडु):
अन्नाद्रमुक के विरोधी ओ. पन्नीरसेल्वम धड़े ने मंगलवार को फिर से पार्टी प्रमुख वीके शशिकला के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि उनका 'मूल सिद्धांत' है कि पार्टी या सरकार किसी एक परिवार के हाथों में नहीं रहेगी. इस साल फरवरी में विरोध करने के बाद शशिकला द्वारा पार्टी से बाहर निकाले गए पन्नीरसेल्वम दिवंगत जयललिता की मृत्यु की जांच कराने की मांग पर भी कायम हैं.
पन्नीरसेल्वम धड़े के सूत्रों का कहना है कि वह पार्टी के दूसरे धड़े से बातचीत इसी शर्त पर करेंगे यदि शशिकला के परिवार को अन्नाद्रमुक से बाहर निकाल दिया जाए. गौरतलब है कि सोमवार को कई मंत्रियों ने चेन्नई में बैठक करके दोनों विरोधी धड़ों के बीच संभावित मेल-मिलाप पर चर्चा की थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी के कानूनों का उल्लंघन करते हुए शशिकला को अन्नाद्रमुक का महासचिव नियुक्त किया गया, जबकि उसका निर्वाचन होता है. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उनके धड़े ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष याचिका दायर कर पार्टी के कानूनों के आधार पर फैसले करने की मांग की. गौरतलब है कि ये लोग पहले भी आयोग के समक्ष महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति को चुनौती दे चुके हैं.
उन्होंने कहा, 'हमारे संस्थापक एमजीआर और अम्मा ने इस पार्टी को, जनता के लिए, कार्यकर्ता आधारित और लोकतांत्रिक संगठन के रूप में खड़ा किया है. यदि हम इस रास्ते पर नहीं चलते हैं तो यह जनता के साथ अन्याय होगा.' उन्होंने कहा, 'यह हमारा मूल सिद्धांत है. अन्नाद्रमुक को एमजीआर और अम्मा द्वारा तय किए गए इसी रास्ते पर चलना चाहिए.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पन्नीरसेल्वम धड़े के सूत्रों का कहना है कि वह पार्टी के दूसरे धड़े से बातचीत इसी शर्त पर करेंगे यदि शशिकला के परिवार को अन्नाद्रमुक से बाहर निकाल दिया जाए. गौरतलब है कि सोमवार को कई मंत्रियों ने चेन्नई में बैठक करके दोनों विरोधी धड़ों के बीच संभावित मेल-मिलाप पर चर्चा की थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी के कानूनों का उल्लंघन करते हुए शशिकला को अन्नाद्रमुक का महासचिव नियुक्त किया गया, जबकि उसका निर्वाचन होता है. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि उनके धड़े ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष याचिका दायर कर पार्टी के कानूनों के आधार पर फैसले करने की मांग की. गौरतलब है कि ये लोग पहले भी आयोग के समक्ष महासचिव के रूप में शशिकला की नियुक्ति को चुनौती दे चुके हैं.
उन्होंने कहा, 'हमारे संस्थापक एमजीआर और अम्मा ने इस पार्टी को, जनता के लिए, कार्यकर्ता आधारित और लोकतांत्रिक संगठन के रूप में खड़ा किया है. यदि हम इस रास्ते पर नहीं चलते हैं तो यह जनता के साथ अन्याय होगा.' उन्होंने कहा, 'यह हमारा मूल सिद्धांत है. अन्नाद्रमुक को एमजीआर और अम्मा द्वारा तय किए गए इसी रास्ते पर चलना चाहिए.'
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