बेंगलुरु:
बेंगलुरु के पॉश इलाक़े आरएमवी एक्सटेंशन के पार्क में उस वक़्त दहशत फैल गई, जब कोबरा सांप के कई बच्चे एक साथ एक ही जगह पर दिखाई दिए।
बगल में ही शहर के जाने-माने वकील एन नानैय्या रहते है। उन्होंने फ़ौरन सांप पकड़ने वालों को खबर दी। काफी मशक्कत के बाद कोबरा के 20 बच्चे पकड़े गए, लेकिन इनके माता-पिता पकड़ में नहीं आए।
इन सापों को 45 साल के देवराज ने पकड़ा, जो अबतक लगभग 1,500 सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ने का दावा करते हैं। देवराज को इस बात का मलाल है कि मुसीबत के वक़्त सभी उनकी मदद लेते हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर ऐसे लोगों की मदद सरकार योजनाबद्ध तरीके से नहीं करती।
वरिष्ठ वकील नानैय्या के मुताबिक, हाल ही में एक बड़ा कोबरा इस कॉलोनी के एक घर में पाया गया था और सांपों की यहां मौजूदगी ख़ासकर मॉनसून में आम है, क्योंकि ज्यादातर नई कालोनियां झीलों के ऊपर बसी हैं, जोकि सांपों, कीड़े-मकोड़ों का प्राकृतिक निवास है, जिसे इंसानों ने हथिया लिया है।
फिलहाल बेंगलुरु में हालात कुछ ऐसे हैं कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के वाइल्ड लाइफ सेल में हर रोज़ लगभग 40 से 50 डिस्ट्रेस कॉल आती हैं, जहां सांप की घरों में मौजूदगी की खबर दी जाती है।
बगल में ही शहर के जाने-माने वकील एन नानैय्या रहते है। उन्होंने फ़ौरन सांप पकड़ने वालों को खबर दी। काफी मशक्कत के बाद कोबरा के 20 बच्चे पकड़े गए, लेकिन इनके माता-पिता पकड़ में नहीं आए।
इन सापों को 45 साल के देवराज ने पकड़ा, जो अबतक लगभग 1,500 सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ने का दावा करते हैं। देवराज को इस बात का मलाल है कि मुसीबत के वक़्त सभी उनकी मदद लेते हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर ऐसे लोगों की मदद सरकार योजनाबद्ध तरीके से नहीं करती।
वरिष्ठ वकील नानैय्या के मुताबिक, हाल ही में एक बड़ा कोबरा इस कॉलोनी के एक घर में पाया गया था और सांपों की यहां मौजूदगी ख़ासकर मॉनसून में आम है, क्योंकि ज्यादातर नई कालोनियां झीलों के ऊपर बसी हैं, जोकि सांपों, कीड़े-मकोड़ों का प्राकृतिक निवास है, जिसे इंसानों ने हथिया लिया है।
फिलहाल बेंगलुरु में हालात कुछ ऐसे हैं कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के वाइल्ड लाइफ सेल में हर रोज़ लगभग 40 से 50 डिस्ट्रेस कॉल आती हैं, जहां सांप की घरों में मौजूदगी की खबर दी जाती है।
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