पंजाब में एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के दो दिन बाद ही पंजाब पुलिस ने एक और बड़ा खुलासा किया है. पंजाब पुलिस ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने ड्रोन की मदद से हथियारों का जखीरा अमृतसर के पास उतारा है. पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान ने ड्रोन की मदद से आठ से ज्यादा बार हथियार भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि यह ड्रोन काफी कम ऊंचाई पर उड़ाए जाते थे इसलिए इनके बारे में किसी को पता नहीं चल सका. अधिकारी का दावा है कि आतंकी पहले इन हथियारों को ड्रोन की मदद से जम्मू-कश्मीर में उतारना चाहते थे लेकिन उन्होंने इस बार इसके लिए पंजाब को चुनाव. बता दें कि पंजाब पुलिस ने कुछ दिन पहले खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चार सदस्यों को भी गिरफ्तार किया था.
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पंजाब पुलिस के अधिकारी ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की तरफ से दस बार ड्रोन भेजा गया लेकिन कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से इसकी जानकारी हमें नहीं मिल सकी. पुलिस को मिले हथियार के जखीरे के साथ पांच सेटेलाइट फोन भी मिले थे. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में होना था जहां बीते डेढ़ महीने से ज्यादा समय से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.
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गौरतलब है कि इससे पहले पंजाब के तरन तारन जिले से पुलिस ने 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे. इन हथियारों में 5 एके-47, हैंड ग्रेनेड और पिस्टल भी शामिल थे. यह आतंकी मॉड्यूल प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का था जो पंजाब और उसके आस-पास के राज्यों में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था. बीते रविवार को एक सीनियर अधिकारी ने कहा था कि इस बात की संभावना है कि हथियारों को भारत-पाक बॉर्डर से ड्रोन के जरिये ट्रांसपोर्ट किया गया था.
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डायरेक्टर जनरल पुलिस दिनकर गुप्ता ने कहा था कि घाटी में हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर बड़े पैमाने पर घुसपैठ जम्मू और कश्मीर, पंजाब और भारतीय भीतरी इलाकों में आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई. आतंकवादियों के पास से सफेद मारूती सुजुकी कार भी मिली है जिस पर पंजाब का रजिस्ट्रेशन नंबर है. आतंकियों की पहचान बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहांग, आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के रूप में हुई थी.
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आकाशदीप और बलवंत सिंह के ऊपर पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पंजाब पुलिस ने एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल(काउंटर इंटेलीजेंस) केतन बालीराम पाटिल के नेतृत्व में सफलतापूर्वक इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था. पुलिस को जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित केजेडएफ पंजाब, जम्मू कश्मीर और बाकी के राज्यों में हमलों की साजिश रच रहा है.
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आतंकी मॉड्यूल का पाकिस्तान में केजेडएफ कमांडर रंजीत सिंह उर्फ नीता और उसका जर्मनी स्थित सहयोगी गुरमीत सिंह समर्थन करता था. पैसों और हथियारों की व्यवस्था के अलावा इनका काम युवा स्लीपर सेल की पहचान करना, उनकी भर्ती करना और कट्टरपंथी युवकों की पहचान करना था. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ बताया और इसे एनआईए को सौंप दिया. सीएम ने केंद्र से अपील की है कि वह भारतीय वायु सेना और बीएसएफ को निर्देश दें जिससे भविष्य में पंजाब में ड्रोन के खतरों से बचा जा सके. पकड़े गये आतंकियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, कारागार अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
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पुलिस ने आतंकियों के पास से 500 राउंड गोला बारूद और 10 लाख रुपये की फर्जी करेंसी भी बरामद की है. यह कार्रवाई 5 सितंबर को तरन तारन जिले में हुये आतंकी हमले के बाद की गई है. इस आतंकी हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी और एक शख्स घायल हो गया था. इस केस को एनआईए को सौंपा गया था. इसके पाकिस्तान के एसएफजे से लिंक थे.
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