लाहौर: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले पार्टी के ‘चेयरमैन' और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी को प्रधानमंत्री पद के लिए आधिकारिक तौर पर दल का उम्मीदवार घोषित किया है. मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है. ‘द इंटरनेशनल' की खबर के मुताबिक, पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) ने आम चुनाव के वास्ते पार्टी के प्रचार अभियान पर विस्तृत चर्चा की. बैठक में पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र पर चर्चा की गई जिसमें युवाओं, महिला सशक्तीकरण, रोज़गार, स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है.
बुधवार देर शाम हुई बिलावल के बैठक के थोड़ी देर बाद पीपीपी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स' पेज पर विस्तृति पोस्ट के साथ बैठक की तस्वीरें अपलोड कीं और बताया कि सीईसी के सदस्यों ने पार्टी ‘प्रेज़िडन्ट' आसिफ अली जरदारी और ‘चेयरमैन' बिलावल भुट्टो ज़रदारी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया.
पार्टी ने ‘एक्स' पर कहा कि आसिफ अली ज़रदारी ने पीपीपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए बिलावल भुट्टो ज़रदारी का नाम पेश किया. उसने कहा कि सीईसी ने पीपीपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर बिलावल भुट्टो ज़रदारी का समर्थन किया.
बैठक के बाद बिलावल ने अपने ‘एक्स' पेज पर कहा, “ बेहद कृतज्ञता और बड़ी विनम्रता के साथ मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पार्टी की ओर से नामित किए जाने को स्वीकार करता हूं. आठ फरवरी को हमें नफरत और बांटने की पुरानी सियासत को खत्म करना होगा. मुल्क को सेवा की नई राजनीति के इर्द-गिर्द एकजुट करें.”
उन्होंने कहा, “ हमारी 10 सूत्री योजना चंद लोगों को नहीं बल्कि बहुत से लोगों के हितों को पूरा करेगी. हम सब मिलकर गरीबी, बेरोज़गारी और महंगाई को हराएंगे. हम मिलकर एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और प्रगतिशील पाकिस्तान का निर्माण करेंगे.”
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनज़ीर भुट्टो के 35 वर्षीय बेटे लाहौर (एनए-127) सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां उनका मुकाबला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवज़ा (पीएमएल-एन) की शाइस्ता परवेज़ मलिक और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) समर्थित उम्मीदवार से है. अखबार की खबर के मुताबिक, बिलावल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, '2024 में कानून-व्यवस्था की स्थिति 2018 से भी बदतर है. आतंकवाद ने देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी है.'
उन्होंने देश में आतंकी घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि मुल्क को संकट से निकालने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे. बिलावल ने कहा, ‘‘ सैन्य तानाशाह ज़िया-उल-हक ने पंजाब में नवाज़ शरीफ और शहबाज़ शरीफ को थोपकर पीपीपी की कामयाबी में रोड़ा अटकाने की कोशिश की थी. फिर, आईएसआई के पूर्व प्रमुखों - जनरल पाशा और जनरल फैज़ हामिद - ने पीटीआई को थोप दिया और पीपीपी को पंजाब से दूर रखने की कोशिश की.”
उन्होंने कहा, “ ये कोशिशें इसलिए की गई क्योंकि पीपीपी लोगों की पार्टी है और आम आदमी का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि पीएमएल-एन और पीटीआई दोनों कुलीन वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं.” बिलावल ने कहा कि पार्टी के घोषणापत्र के 10 बिंदुओं में पीपीपी का पाकिस्तान के लोगों से पहला वादा पांच साल के अंदर उनकी आमदनी दोगुनी करना है. अन्य वादों में वंचित लोगों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देना, हर जिले में हरित ऊर्जा पार्क स्थापित करना, हर बच्चे को मुफ्त, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, 30 लाख घर बनाना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघ परिषदों के स्तर पर 'भूख मिटाओ' कार्यक्रम शुरू करना शामिल है.
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