सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए नए नए तरीके इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल की आतंकवादी हिंसा की घटनाओं से साफ संकेत मिलता है कि पाकिस्तान हिंसा का दायरा अन्य क्षेत्रों में बढ़ाने का प्रयत्न कर रहा है।
जनरल सिंह ने कहा कि पिछले कुछ साल में सेना की कार्यक्षेत्र और गहनता के मामले में प्रतिबद्धता कई गुना बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि जितनी अधिक संख्या में पश्चिमी पड़ोसी द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन और घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं, सीमा पर सक्रियता रहती है। जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए नए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
जनरल सिंह ने कहा कि आतंकवादी हिंसा की हाल की घटनाएं संकेत करती हैं कि पाकिस्तान हिंसा का दायरा अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करना चाहता है।
जनरल सिंह यहां 1965 के भारत-पाक युद्ध पर तीनों सेनाओं के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को खूब अच्छे से पता है कि तुरंत, छोटे-छोटे संभावित युद्ध चेतावनी का सीमित समय देते हैं। इसलिए ऐसे हालात से निपटने के लिए हर समय उच्च स्तर की तैयारियां रखनी पड़ती हैं।
इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सुरक्षा हालात पहले के मुकाबले अधिक पेचीदा हैं और ऐसे में चौबीसों घंटे सतर्कता की आवश्यकता है।
पर्रिकर ने कहा कि स्कूली किताबों में युद्ध के पराक्रम की कहानियां होनी चाहिए ताकि आज की पीढी सैनिकों की शहादत के बारे में जान सके।
जनरल सिंह ने कहा कि पिछले कुछ साल में सेना की कार्यक्षेत्र और गहनता के मामले में प्रतिबद्धता कई गुना बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि जितनी अधिक संख्या में पश्चिमी पड़ोसी द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन और घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं, सीमा पर सक्रियता रहती है। जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए नए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
जनरल सिंह ने कहा कि आतंकवादी हिंसा की हाल की घटनाएं संकेत करती हैं कि पाकिस्तान हिंसा का दायरा अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करना चाहता है।
जनरल सिंह यहां 1965 के भारत-पाक युद्ध पर तीनों सेनाओं के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को खूब अच्छे से पता है कि तुरंत, छोटे-छोटे संभावित युद्ध चेतावनी का सीमित समय देते हैं। इसलिए ऐसे हालात से निपटने के लिए हर समय उच्च स्तर की तैयारियां रखनी पड़ती हैं।
इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सुरक्षा हालात पहले के मुकाबले अधिक पेचीदा हैं और ऐसे में चौबीसों घंटे सतर्कता की आवश्यकता है।
पर्रिकर ने कहा कि स्कूली किताबों में युद्ध के पराक्रम की कहानियां होनी चाहिए ताकि आज की पीढी सैनिकों की शहादत के बारे में जान सके।
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