
पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद पूरा देश एक सुर में आतंकियों पर एक्शन की मांग कर रहा है. विपक्ष के जो नेता सरकार की खिलाफत करते रहे हैं वह भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े हैं. बीजेपी के मुखर आलोचक और अपनी बात बेबाकी से कहने वाले विपक्ष के तीन नेता इस मामले पर अपनी तीखी टिप्पणियों को लेकर चर्चा में हैं. पहलगाम आतंकी हमला मामले में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने राजनीतिक संदेशों में बिल्कुल स्पष्ट रहे हैं. ये तीनों नेता सोशल मीडिया पर भी अपने आलोचकों का दिल जीत रहे हैं. इनके बयानों की तारीफ हो तरफ हो रही है.
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आतंकियों को शशि थरूर का सख्त संदेश
पहलाम आतंकी पहले पर तिरुवनंतपुरम से चार बार के कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने साफ कहा है कि उनको लगता है कि जवाब दिया जाना चाहिए और उस जवाब में एक संदेश होना चाहिए. अगर आप ऐसा काम करते हैं तो आप बच नहीं सकते. वह समय अब खत्म हो चुका है. अब कीमत चुकानी होगी. कल ये कीमत और भी बड़ी होगी. कांग्रेस नेता ने साफ कहा कि अगर आतंकियों को संदेश नहीं दिया गया, तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी.
#WATCH | Thiruvananthapuram, Kerala | On the Pahalgam terror attack, Congress MP Shashi Tharoor says, "Obviously, there was no full proof intelligence. There was some failure... But we have got the example of Israel, the world's best intelligence services according to everybody,… pic.twitter.com/v0SMkULt6i
— ANI (@ANI) April 27, 2025
हालांकि कांग्रेस नेता अपनी पार्टी लाइन से भी नहीं हटे. उन्होंने साफ कहा कि खुफिया विफलता के लिए सरकार को जवाबदेह होना चाहिए. लेकिन फिलहाल इसका समय नहीं था. क्यों कि पहले से इसे लेकर कोई खुफिया जानकारी थी ही नहीं. लेकिन कुछ विफलताएं थीं. उन्होंने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया सेवाएं हैं, लेकिन 7 अक्टूबर को हमास के हमले के वक्त वे भी धोखा खा गई थीं. उन्होंने कहा कि जैसे इजरायल युद्ध के अंत तक जवाबदेही की मांग करने का इंतजार कर रहा है, उसी तरह हमें भी वर्तमान संकट को देखना चाहिए और फिर सरकार से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी देश के पास कभी भी 100 प्रतिशत पूर्ण रूप से विश्वसनीय खुफिया जानकारी नहीं हो सकती.
आतंकवाद पर ओवैसी का रुख बिल्कुल क्लियर
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे मुखर आलोचकों में शामिल हैं. ओवैसी ने वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ अपनी खूब आवाज उठाई. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले पर पर उनका रुख बिल्कुल साफ है. केंद्र की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ओवैसी ने भारतीय धरती पर आतंकी हमलों में उनकी भूमिका के लिए पाकिस्तान और उसके नेताओं की आलोचना की. शुक्रवार की नमाज से पहले उन्होंने न सिर्फ काली पट्टी बांधी बल्कि पाकिस्तानी नेताओं के भड़काऊ हरकतों पर भी निशाना साधा. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि यह मौका घरेलू राजनीतिक अवसरों की तलाश करने का नहीं है.
#WATCH | Chhatrapati Sambhajinagar, Maharashtra | On Bilawal Bhutto Zardari's "Blood will flow" remark after Pahalgam attack, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says,"...Bachpane ki baatein nahi karna..His mother was killed by their homegrown terrorists...Does he even know what he is… pic.twitter.com/yVn7jegwKn
— ANI (@ANI) April 28, 2025
पाकिस्तानी नेताओं की परमाणु धमकियों पर ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा परमाणु शक्ति होने की बात करता है; उन्हें यह याद रखना चाहिए कि अगर वे किसी देश में घुसकर निर्दोष लोगों को मारते हैं, तो वह देश चुप नहीं बैठेगा. सरकार चाहे जो भी हो. हमारी ज़मीन पर हमारे लोगों को मारकर और उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाकर आप किस 'दीन' की बात कर रहे हैं. आपने तो ISIS की तरह काम किया है. बिलावल भुट्टो जरदारी के भारत के खिलाफ़ बयानों पर ओवैसी ने कहा कि उनको ये याद रखना चाहिए कि आतंकवाद ने उनकी मां और पूर्व पीएम बेनज़ीर भुट्टो को मार डाला था. पाकिस्तान भारत से सिर्फ़ एक घंटा नहीं बल्कि आधी सदी पीछे है.
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के दो बार के सीएम रह चुके उमर अब्दुल्ला सरकार जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली के लिए लड़ रही है. वह इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ मुखर रहे हैं. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उनका रुख एकदम साफ है. उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट में पहली प्रतिक्रिया देते हुए इस हमले को घृणास्पद बताया था. उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में हमले के बाद की स्थिति से निपटने में केंद्र के साथ सहयोग कर रही है. इस कठिन समय में उन्होंने राजनीतिक रोटियां सेकने के बजाय बहुत ही बैलेंस सोशल मीडिया पोस्ट किए. उन्होंने केंद्र से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि आतंकवाद पर कार्रवाई के दौरान निर्दोष लोगों को नुकसान न पहुंचे.
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