हाल ही में नौसेना ने दुश्मनों को कड़ा संदेश देते हुए एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किया.
आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा उठाए गए कदमों से पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिलाया हुआ है. भारत हर तरफ से पाकिस्तान के लिए चक्रव्यूह तैयार कर रहा है. नदियों से लेकर सीमा तक हर तरफ से पाकिस्तान के लिए चक्रव्यूह बुना जा रहा है और इस चक्रव्यूह से बाहर निकलना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होनेवाला है. सीमा पर तैनात हमारी सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. पहलगाम हमले के बाद चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में कई महत्वपूर्ण बैठकें की थी. सेना प्रमुख ने सेना की अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की है. नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की और से हो रही फायरिंग का भारतीय सेना करारा जवाब दी रही है. दूसरी और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद नौसेना ने दुश्मनों को कड़ा संदेश देते हुए एक महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण भी किया है.
भारतीय नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत
यह मिसाइल परीक्षण नौसेना ने अपने डिस्ट्रॉयर शिप आईएनएस सूरत से अरब सागर में किया. नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी थी. वहीं भारत ने सोमवार को फ्रांस के साथ राफेल डील की है. लगभग 64,000 करोड़ रुपये की लागत से विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैनिक संस्करण खरीदने की डील हुई है. बता दें भारतीय वायु सेना पहले से ही 36 राफेल लड़ाकू विमान संचालित कर रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल मिलने के बाद नौसेना की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी. इन विमानों की आपूर्ति 2028 में शुरू हो जाएगी और 2030 तक पूरी हो जाएगी, जिसके चालक दल को फ्रांस और भारत में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वायुसेना में राफेल जुड़ने के बाद पाकिस्तान नौसेना की ताकत भारत के सामने और कम हो जाएगी.
सिंधु जल संधि का 'चक्रव्यूह'
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं और इन्हीं फैसलों में से एक है, भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते को स्थगित करना. बता दें पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था 85% तक इंडस रिवर सिस्टम पर पूरी तरह से निर्भर है. अगर भारत सरकार इंडस वाटर ट्रीटी को लंबे समय तक रोकने का फैसला करती है, तो इसका पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था पर लॉन्ग टर्म में बहुत बुरा असर पड़ेगा. पाकिस्तान में खेती के लिए जितने पानी की जरूरत होगी वो पानी पाकिस्तान को नहीं मिल सकेगा.
10 वर्षों तक सिंधु जल संधि के तकनीकी सलाहकार रहे ए.के बजाज ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने के निर्णय से दो वर्ष पहले ही भारत सरकार ने सिंधु जल संधि की शर्तों पर पुनः बातचीत करने का काम शुरू कर दिया था. सिंधु नदी प्रणाली पर भारत ने दो नए वाटर स्टोरेज प्रोजेक्ट्स- पाकुलदुल और बर्सर तैयार करने पर काम तेज कर दिया है. पाकुलदुल प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन का काम तेजी से चल रहा है, जबकि बर्सर प्रोजेक्ट फाइनल प्लानिंग स्टेज में है. जब ये दोनों ने वाटर स्टोरेज प्रोजेक्ट्स तैयार हो जाएंगे. तब भारत सिंधु नदी प्रणाली से जुड़ी नदियों के पानी को न सिर्फ अपनी जरूरत के हिसाब से ज्यादा जमा कर सकेगा, बल्कि उसे राजस्थान पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में डायवर्ट करना भी संभव होगा.
इतना ही नहीं मॉनसून सीजन के दौरान Flood Forecasting से जुड़ी कोई भी जानकारी भारत पाकिस्तान के साथ साझा नहीं करेगा. इससे मॉनसून सीजन के दौरान पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी समय पर नहीं मिल सकेगी और उसे आपदा झेलना पड़ेगा.
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