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This Article is From Nov 16, 2017

'पद्मावती' एक दिसम्‍बर को रिलीज होने पर भंग हो सकती है शांति व्‍यवस्‍था, यूपी सरकार ने चेताया

यूपी में स्‍थानीय निकाय चुनाव की वोटों की गिनती 1 दिसंबर को तथा बारावफात पर्व 2 दिसंबर को संभावित, फिल्म 'पद्मावती' के रिलीज होने से अशांति तथा कानून एवं व्यवस्था बिगड़ने की आशंका

'पद्मावती' एक दिसम्‍बर को रिलीज होने पर भंग हो सकती है शांति व्‍यवस्‍था, यूपी सरकार ने चेताया
फिल्म पद्मावती के 1 दिसंबर को रिलीज होने की संभावना है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गृह विभाग ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को पत्र लिखा
सिनेमाघरों में तोड़फोड़, आगजनी की चेतावनी दे रहे कई संगठन
फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय जनभावनाओं को जानते हुए लिया जाए
लखनऊ: फिल्‍म ‘पद्मावती’ को लेकर देश में जारी विरोध के बीच उत्‍तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को केन्‍द्र को पत्र लिखकर कहा है कि राज्‍य में स्‍थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए आगामी एक दिसम्‍बर को इस फिल्‍म का रिलीज होना शांति व्‍यवस्‍था के हित में नहीं होगा.

राज्‍य सरकार के एक प्रवक्‍ता के अनुसार गृह विभाग ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को खत लिखकर बताया है कि पद्मावती फिल्म की कथावस्तु एवं ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने को लेकर व्याप्त जनाक्रोश एवं इसके सार्वजनिक चित्रण से शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है. विभिन्‍न संगठन फिल्म के प्रदर्शित होने पर सिनेमाघरों में तोड़फोड़, आगजनी की चेतावनी दे रहे हैं. ऐसे में मंत्रालय से अनुरोध है कि वह इस बारे में सेंसर बोर्ड को बताए, जिससे फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय लेते समय बोर्ड के सदस्य जनभावनाओं को जानते हुए विधि अनुसार निर्णय ले सकें.

पत्र में कहा गया है कि चूंकि प्रदेश में इस वक्‍त नगरीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. वोटों की गिनती एक दिसम्‍बर को होगी. अगले दिन बारावफात का पर्व भी होना सम्भावित है, जिसमें पारम्परिक रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा व्यापक रूप से जुलूस निकाले जाते हैं. ऐसे में फिल्‍म के खिलाफ कोई प्रदर्शन होने पर प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अशांति तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं. ऐसे में आगामी एक दिसम्बर को फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा.

VIDEO : फिल्म पद्मावती का विरोध

गृह विभाग ने अपने पत्र में यह उल्लेख भी किया है कि पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर कुछ संगठनों ने उच्‍चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसको न्यायालय द्वारा इस टिप्पणी के साथ नहीं सुना गया कि इसके लिए राहत का वैकल्पिक पटल उपलब्ध है. यानी इस फिल्म के सम्बन्ध में सम्बन्धित पक्ष द्वारा सेंसर बोर्ड के समक्ष आपत्तियां उठाई जा सकती हैं.
(इनपुट भाषा से)

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