नई दिल्ली:
लोक लेखा समिति (पीएसी) की हंगामेदार बैठक में अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी कांग्रेसी सदस्यों के जबर्दस्त विरोध के कारण 2जी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़ी रिपोर्ट नहीं रख सके। हालांकि राजग के साथ द्रमुक और बसपा सदस्यों ने इसे विचार के लिए समिति के समक्ष रखे जाने का समर्थन किया। बैठक के बाद जोशी ने कहा कि इस विषय में पक्ष और विपक्ष में कई तरह के विचार सामने आए जिसमें कई नियमों एवं दिशानिर्देशों का हवाला दिया गया। उन्होंने कहा कि समिति में मतभिन्नता को देखते हुए उन्होंने इस विषय पर संविधान विशेषज्ञों से परामर्श लेने का फैसला किया है ताकि इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके कि क्या नई समिति पूर्व की समिति की 2जी मामले संबंधी रिपोर्ट पर विचार-विमर्श कर सकती है जिसे कांग्रेस सदस्य नामंजूर किए जाने का दावा कर रहे हैं। आश्चर्यजनक रूप से बसपा और द्रमुक के सदस्यों ने रिपोर्ट को समिति के समक्ष विचार के लिए रखे जाने की राजग की मांग का समर्थन किया। सूत्रों ने बताया कि बसपा और द्रमुक सदस्यों का कहना था कि अगर कोई चाहता है कि रिपोर्ट मंजूर हो, तो इस पर पहले चर्चा की जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि बैठक शुरू होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जोशी ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटला मामले से संबंधित रिपोर्ट समिति के समक्ष रखने और इस रिपोर्ट के संबंध में लोकसभा अध्यक्ष के पत्र को पढ़ने का प्रयास किया, लेकिन जयंती नटराजन के नेतृत्व में कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध किया। उनकी दलील थी कि चूंकि इस प्रकार की कोई रिपोर्ट हैं ही नहीं, तो इसे मंजूरी के लिए नहीं रखा जा सकता है। जोशी ने नटराजन को इस विषय को उठाने की अनुमति नहीं दी लेकिन कांग्रेसी सांसदों ने जोशी से कहा कि इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है और अब यह अध्याय बंद हो गया है। इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच कर रही है तो इस पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए।