पी चिदंबरम ने तरुण विजय पर साधा निशाना.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज भाजपा नेता तरण विजय के दक्षिण भारतीय लोगों पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या भाजपा और आरएसएस के सदस्य ही भारतीय हैं. उन्होंने ट्विटर पर कहा, ''जब तरुण विजय यह कहते हैं कि हम काले लोगों के साथ रहते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इसमें 'हमलोग' कौन हैं? क्या वह भाजपा, आरएसएस सदस्यों को ही भारतीय मानते हैं?'' चिदंबरम तमिलनाडु के रहने वाले हैं और पूर्व गृह मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं.
विजय ने शुक्रवार को यह कहते हुए नस्लवाद पर विवाद छेड़ दिया था कि भारतीय लोगों को नस्लभेदी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वह दक्षिण भारतीय लोगों के साथ रहते हैं, जो कि काले हैं. उन्होंने यह विवादित बयान एक अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान दिया था. इस बयान पर काफी विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस ने इसे चौंकाने वाला बयान बताया है, वहीं डीएमके ने इस बयान को मजाकिया बताया है.
अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले के बाद भारत पर लगे नस्लभेदी आरोपों पर तरुण विजय ने कहा था, ''अगर हम नस्लभेदी होते तो हमारे पास पूरा दक्षिण क्यों होता? जिसके बारे में आप जानते हैं पूरा तमिल, केरल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश. हम क्यों उनके साथ रहते हैं? हमारे पास काले लोग हैं, हमारे आसपास काले लोग हैं.'' सभी तरफ से खास तौर पर सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद आरएसएस से संबद्ध साप्ताहिक पांचजन्य के पूर्व संपादक विजय ने ट्विटर पर माफी मांग ली.
भाजपा प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा कि विजय अपनी बात अलग तरह से भी रख सकते थे. इस पर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह टिप्पणी भगवा पार्टी के अपने देश के लोगों के बीच भेदभाव करने की प्रवृति को दिखाता है. विजय ने दावा किया था कि अफ्रीकी मूल के लोग महाराष्ट्र और गुजरात में सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं.
उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि भारत के लोग काले रंगे के देवता को पूजते हैं. आलोचना झेलने के बाद उन्होंने कहा कि शायद उनके शब्द वह संदेश नहीं दे पाए जो वह देना चाह रहे थे. उन्होंने कहा, ''मैं महसूस करता हूं कि मेरा पूरा बयान यह था कि हमने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमारे पास विभिन्न रंग और संस्कृति के लोग हैं और फिर भी कभी कोई नस्लवाद नहीं था.''
नस्लभेद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ''मैं कभी नहीं, कभी नहीं यहां तक कि नींद में भी दक्षिण भारतीय लोगों को काला नहीं कह सकता हूं. मैं मर सकता हूं लेकिन अपने ही लोगों और संस्कृति और अपने ही देश का मजाक कैसे उड़ा सकता हूं. मेरे खराब तरीके से रचे गए वाक्य का गलत मतलब निकालने से पहले सोचें.
द्रमुक सांसद टीकेएस इलानगोवान ने कहा कि विजय की टिप्पणी मजाकिया थी क्योंकि दक्षिण भारत के सभी लोग काले नहीं हैं. इसके लिए उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का उदाहरण दिया. उनकी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि विजय का बयान उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय लोगों के बीच अंतर को दर्शाता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विजय ने शुक्रवार को यह कहते हुए नस्लवाद पर विवाद छेड़ दिया था कि भारतीय लोगों को नस्लभेदी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वह दक्षिण भारतीय लोगों के साथ रहते हैं, जो कि काले हैं. उन्होंने यह विवादित बयान एक अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान दिया था. इस बयान पर काफी विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस ने इसे चौंकाने वाला बयान बताया है, वहीं डीएमके ने इस बयान को मजाकिया बताया है.
अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले के बाद भारत पर लगे नस्लभेदी आरोपों पर तरुण विजय ने कहा था, ''अगर हम नस्लभेदी होते तो हमारे पास पूरा दक्षिण क्यों होता? जिसके बारे में आप जानते हैं पूरा तमिल, केरल, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश. हम क्यों उनके साथ रहते हैं? हमारे पास काले लोग हैं, हमारे आसपास काले लोग हैं.'' सभी तरफ से खास तौर पर सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद आरएसएस से संबद्ध साप्ताहिक पांचजन्य के पूर्व संपादक विजय ने ट्विटर पर माफी मांग ली.
भाजपा प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा कि विजय अपनी बात अलग तरह से भी रख सकते थे. इस पर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह टिप्पणी भगवा पार्टी के अपने देश के लोगों के बीच भेदभाव करने की प्रवृति को दिखाता है. विजय ने दावा किया था कि अफ्रीकी मूल के लोग महाराष्ट्र और गुजरात में सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं.
उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि भारत के लोग काले रंगे के देवता को पूजते हैं. आलोचना झेलने के बाद उन्होंने कहा कि शायद उनके शब्द वह संदेश नहीं दे पाए जो वह देना चाह रहे थे. उन्होंने कहा, ''मैं महसूस करता हूं कि मेरा पूरा बयान यह था कि हमने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमारे पास विभिन्न रंग और संस्कृति के लोग हैं और फिर भी कभी कोई नस्लवाद नहीं था.''
नस्लभेद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ''मैं कभी नहीं, कभी नहीं यहां तक कि नींद में भी दक्षिण भारतीय लोगों को काला नहीं कह सकता हूं. मैं मर सकता हूं लेकिन अपने ही लोगों और संस्कृति और अपने ही देश का मजाक कैसे उड़ा सकता हूं. मेरे खराब तरीके से रचे गए वाक्य का गलत मतलब निकालने से पहले सोचें.
द्रमुक सांसद टीकेएस इलानगोवान ने कहा कि विजय की टिप्पणी मजाकिया थी क्योंकि दक्षिण भारत के सभी लोग काले नहीं हैं. इसके लिए उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का उदाहरण दिया. उनकी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि विजय का बयान उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय लोगों के बीच अंतर को दर्शाता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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