दिल्ली जल बोर्ड के ठेकेदारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और दिल्ली हाईकोर्ट से मांग कि है कि 'हमारी पेमेंट तुरंत करवाई जाए'. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार के वित्त सचिव आशीष वर्मा को निजी तौर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इस मामले की सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.
इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के लिए काम करने वाले ठेकेदारों के एक वर्ग ने इस साल फरवरी से बकाये का भुगतान नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वे जारी परियोजनाओं को 27 नवंबर से बंद कर देंगे. डीजेबी के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने दावा किया था कि वित्त मंत्री के बार-बार निर्देश देने के बावजूद वित्त विभाग ने पिछले तीन महीनों से धन जारी नहीं किया. दिल्ली जल बोर्ड कॉंट्रेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर कहा था कि बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर कर्मचारी वर्तमान में जारी सभी काम बंद कर देंगे.
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने दावा किया था कि वित्त विभाग द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को निधि रोके जाने के कारण शहर ‘मानव जनित जल संकट' का सामना कर रहा है और उन्होंने इस मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. आतिशी ने मुख्यमंत्री के जरिए उपराज्यपाल को भेजे नोट में बताया था कि दिल्ली जल बोर्ड का 910 करोड़ रुपये बकाया है, जो वित्त विभाग जारी नहीं कर रहा है.
15 नवंबर को इस मामले के समाधान के लिए आतिशी ने वित्तमंत्री के तौर पर बैठक भी बुलाई थी. लेकिन वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया था. 17 नवंबर को दिल्ली जल बोर्ड ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने साफ कह दिया कि वह काम बंद कर देंगे. आतिशी ने फाइनेंस सेक्रेटरी आशीष चंद्र वर्मा को निलंबित करने और उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी.
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