
जी-20 देशों के कृषि वैज्ञानिकों की मीटिंग का वाराणसी में सोमवार को हुआ आगाज. इस मौके पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वी के सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने इस दौरान दिए अपने संबोधन में कहा कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे कृषि वैज्ञानिकों की मीटिंग का थीम एक "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" हमारे सतत विकास लक्ष्य (SDG)को हासिल करने के उद्देश्य को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने इस उद्देश्य के लिए लगातार काम कर रही है.
मानवता की भलाई के प्रति हमारी जिम्मेदारी
जनरल सिंह ने कहा कि यह फूड सिक्योरिटी व न्यूट्रीशन , जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन समाधान, डिजिटल फार्मिंग , कृषि में सार्वजनिक-निजी निवेश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी प्रगति का जायजा लेने का एक बेहतर अवसर है. एक समूह के रूप में जी-20 दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85% साझा करता है इसलिए वैश्विक मानवता की भलाई के प्रति हमारी अधिक जिम्मेदारी भी बनती है. इस मीटिंग के शुरू होने के साथ ही दुनिया के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड फूड सिस्टम के लिए साइंटिफिक इन्वेंशन, रिसर्च और इनोवेशन की दिशा में एक मंच पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित कर रहे हैं.
भारत दुनिया को देगा 'महाऋषि'
आज से शुरू हुई यह मीटिंग 19 अप्रैल तक चलेगी. तीन दिन के इस आयोजन में 80 से अधिक कृषि वैज्ञानिक हिस्सा लेंगे. इस दौरान ये वैज्ञानिक आयोजित होने वाले आठ सेशन में दुनिया के सामने आज की जरूरतों और स्थिति के अनुसार बेहतर कृषि के उपायों की विस्तृत रूपरेखा रखें. इस दौरान मोटे अनाजों के बढ़ते बाजार के साथ हेल्थ और इसके इकोनॉमिक बेनिफिट्स पर भी चर्चा होगी. इस मौके पर भारत 'महर्षि MAHARISHI' (Millets And Other Ancient Grains International Research Initiative ) प्रपोजल भी प्रस्तुत करेगा.
एस जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री ने G20 एजेंडा पर की चर्चा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं