नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव करीब आने पर मृदुभाषी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को आक्रामक रुख अपनाते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा संप्रग सरकार की उपलब्धियों को छोटा दिखाने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार संप्रग की सरकार बनेगी।
सिंह ने विश्वास जताया कि देश की अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर अब नहीं रहेगा और अगले दो साल में सात से आठ प्रतिशत की विकास दर हासिल होगा।
सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का उत्तर देते हुए पूर्व की राजग सरकार और संप्रग सरकार के प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण पेश किया। उन्होंने कहा कि कृषि और विनिर्माण सहित सभी क्षेत्रों में संप्रग सरकार के समय देश ने अच्छी तरक्की की है।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाजपा नेताओं विशेषकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व पर की गई टिप्पणियों पर सिंह ने भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर निशाना साधा।
आम तौर पर काफी नरमी से बोलने वाले सिंह ने भाजपा को निशाना बनाने के लिए गालिब का शेर पढ़ा, ‘‘हमको उनसे है वफा की उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है।’’ उन्होंने कहा कि 2004 के चुनाव में ‘इंडिया शाइनिंग’ का प्रचार करने के बावजूद भाजपा को मुंह की खानी पड़ी और 2009 के चुनाव में ‘लौहपुरुष आडवाणी बनाम कमजोर मनमोहन सिंह’ का प्रचार हुआ जो विफल रहा।
सिंह के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष के संशोधनों को ध्वनिमत से नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कर दिया।
सत्ता पक्ष के सदस्यों की मेजों की थपथपाहट के बीच सिंह ने कहा कि ये वैसे ही रहा कि ‘जो गरजते हैं, बरसते नहीं।’ उन्होंने कहा कि संप्रग की सामाजिक और आर्थिक नीतियों को लेकर भाजपा का एक विशेष नजरिया है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कांग्रेस के नेतृत्व और प्रतिष्ठानों के बारे में भद्दी भाषा बोली गई। लेकिन हमारी मंशा उनका जवाब देना नहीं है बल्कि हमारा काम बोलता है। हमने (भाजपा का) ये अहंकार पहली बार नहीं देखा है। यदि जनता हमारे काम को देखे तो 2014 के चुनाव में भी वही करेगी जो 2004 और 2009 में किया।
सिंह के शेर का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि ‘‘कुछ तो मजबूरियां रही होगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।’’ उन्होंने एक और शेर पढ़ा, ‘‘तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं। जिन्दगी और मौत दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं एक हमें याद नहीं।’’
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा कि उन्होंने नौ साल में मनमोहन सिंह को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिए की लौ तेज हो जाती है।
इससे पहले अपने करीब 45 मिनट के जवाब में मनमोहन सिंह ने माना कि पिछले एक साल में कठिन हालात का सामना करना पड़ा है। विकास की दर मंद पड़ी है और पिछले दो साल में महंगाई बढ़ी है।
सिंह ने विश्वास जताया कि देश की अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर अब नहीं रहेगा और अगले दो साल में सात से आठ प्रतिशत की विकास दर हासिल होगा।
सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का उत्तर देते हुए पूर्व की राजग सरकार और संप्रग सरकार के प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण पेश किया। उन्होंने कहा कि कृषि और विनिर्माण सहित सभी क्षेत्रों में संप्रग सरकार के समय देश ने अच्छी तरक्की की है।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाजपा नेताओं विशेषकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व पर की गई टिप्पणियों पर सिंह ने भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर निशाना साधा।
आम तौर पर काफी नरमी से बोलने वाले सिंह ने भाजपा को निशाना बनाने के लिए गालिब का शेर पढ़ा, ‘‘हमको उनसे है वफा की उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है।’’ उन्होंने कहा कि 2004 के चुनाव में ‘इंडिया शाइनिंग’ का प्रचार करने के बावजूद भाजपा को मुंह की खानी पड़ी और 2009 के चुनाव में ‘लौहपुरुष आडवाणी बनाम कमजोर मनमोहन सिंह’ का प्रचार हुआ जो विफल रहा।
सिंह के जवाब के बाद सदन ने विपक्ष के संशोधनों को ध्वनिमत से नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कर दिया।
सत्ता पक्ष के सदस्यों की मेजों की थपथपाहट के बीच सिंह ने कहा कि ये वैसे ही रहा कि ‘जो गरजते हैं, बरसते नहीं।’ उन्होंने कहा कि संप्रग की सामाजिक और आर्थिक नीतियों को लेकर भाजपा का एक विशेष नजरिया है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कांग्रेस के नेतृत्व और प्रतिष्ठानों के बारे में भद्दी भाषा बोली गई। लेकिन हमारी मंशा उनका जवाब देना नहीं है बल्कि हमारा काम बोलता है। हमने (भाजपा का) ये अहंकार पहली बार नहीं देखा है। यदि जनता हमारे काम को देखे तो 2014 के चुनाव में भी वही करेगी जो 2004 और 2009 में किया।
सिंह के शेर का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि ‘‘कुछ तो मजबूरियां रही होगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।’’ उन्होंने एक और शेर पढ़ा, ‘‘तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं। जिन्दगी और मौत दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं एक हमें याद नहीं।’’
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा कि उन्होंने नौ साल में मनमोहन सिंह को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिए की लौ तेज हो जाती है।
इससे पहले अपने करीब 45 मिनट के जवाब में मनमोहन सिंह ने माना कि पिछले एक साल में कठिन हालात का सामना करना पड़ा है। विकास की दर मंद पड़ी है और पिछले दो साल में महंगाई बढ़ी है।
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