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This Article is From May 01, 2016

गुजरात ने जारी की आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने की अधिसूचना

गुजरात ने जारी की आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने की अधिसूचना
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने रविवार को अधिसूचना जारी कर गैर-आरक्षित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है। सरकार ने दो दिन पहले ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस कदम की घोषणा की थी।

राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर जारी गुजरात गैर-आरक्षित आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (राज्य में शिक्षण संस्थानों और राज्य के तहत सेवाओं में नियुक्तियों तथा पदों में आरक्षण) अधिसूचना, 2016 गैर-आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देगी, जिनके परिवार की वार्षिक आय छह लाख रुपये से ज्यादा नहीं है।

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दिया जा रहा यह आरक्षण एससी, एसटी और एसईबीसी वर्ग को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले आरक्षण से इतर है।

अधिसूचना में कहा गया है, 'गैर-आरक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग ने आर्थिक रूप से संपन्न ऊंचे वर्गों के साथ चल पाने में अपनी असमर्थता जताई है। इसी के कारण आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग शिक्षण संस्थानों में दाखिले और राज्य के तहत सेवाओं और पदों पर अपने प्रतिनिधित्व के मामले में वंचित महसूस करते हैं।'

'10 फीसदी आरक्षण देना जरूरी समझा गया'
उसमें कहा गया है, 'एससी, एसटी और एसईबीसी के अलावा समाज में मौजूद आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर शिक्षण संस्थानों और राज्य के तहत सेवाओं तथा पदों पर नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण देना जरूरी समझा गया।'

गुजरात सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, 'ऐसा आरक्षण समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को उस मानदंड पर उपलब्ध होना चाहिए जो राज्य में सामाजिक और आर्थिक रूप ये पिछड़े प्रदेश के लोगों के लिए है।' सरकार ने कहा कि ऐसा आरक्षण पदोन्नति या फिर किसी भी कैडर या ग्रेड में मौजूद एक पद पर लागू नहीं होगा।

'पहले से मौजूद आरक्षण नीति से अलग व्यवस्था'
यह स्पष्ट करते हुए कि नया आरक्षण पहले से मौजूद एससी, एसटी, एसईबीसी के लिए आरक्षण की नीति से अलग है, अधिसूचना में कहा गया है, 'राज्य सरकार इस स्थिति से वाकिफ है और समेकित विकास करने तथा समाज के अनारक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की तर्कपूर्ण जरूरतों को पूरा करने को अपना प्राथमिक कर्तव्य मानती है। ताकि वे भी सरकार की नीतियों का लाभ प्राप्त कर सकें।'

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में हुई राज्य बीजेपी के कोर समूह की बैठक के बाद शुक्रवार को 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई थी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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