विज्ञापन
Story ProgressBack

एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर दिया गया था बार एसोसिएशन में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का आदेश : सुप्रीम कोर्ट

इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. अब SCBA के पदाधिकारियों, अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से कोषाध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा.

Read Time: 3 mins
एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर दिया गया था बार एसोसिएशन में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का आदेश : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये एक्सपेरिमेंटल बेसिस के तौर पर दिया गया था. कोर्ट ने सोमवार सुबह इस आदेश को स्पष्ट करने की मेंशनिंग किए जाने के बाद ये बात कही.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने 2 मई को आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्य समिति में महिला वकीलों के लिए न्यूनतम एक तिहाई पद आरक्षित किए जाएं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने बी डी कौशिक के मामले में सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए ये निर्देश दिए हैं.

पीठ के निर्देश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरर यानी कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एससीबीए में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे.

Advertisement
16 मई को होगा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव

इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इन चुनाव का नतीजा 18 मई यानी रविवार को आएगा. अब SCBA के पदाधिकारियों, अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से कोषाध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा.

कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव और सुधार को लेकर आठ प्रस्ताव आए, लेकिन वो नाकाम हो गए. इनके अलावा एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए फीस और चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की जमानत राशि को लेकर भी लाए गए प्रस्ताव 30 अप्रैल को आयोजित स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में गिर गए. ऐसे में कोर्ट ने महसूस किया कि नियम, योग्यता, शर्तों और फीस को लेकर निर्णय लेने की जरूरत है, क्योंकि इन चीजों को दशकों तक लटकाए नहीं रखा जा सकता, समय रहते सुधार और बदलाव जरूरी हैं.

कोर्ट ने कहा कि SCBA इस बाबत अपनी वेबसाइट या अन्य तरीकों से सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मंगाए, यानी सुझाव 19 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं. इसके बाद आम वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव SCBA डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में संकलित कर कोर्ट को दे, यानी उन सुझावों के आधार पर सुधारों और बदलाव का सिलसिला अभी जारी रहेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
"4 साल से चल रहा था तो क्या सो गए थे" : राजकोट हादसे पर नगर निगम को हाईकोर्ट की फटकार
एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर दिया गया था बार एसोसिएशन में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का आदेश : सुप्रीम कोर्ट
NDTV Battleground: विदेशमंत्री ने बताया किन मुद्दों पर लोकसभा में होती है वोटिंग? आखिर जयशंकर को BJP की जीत पर भरोसा क्यों
Next Article
NDTV Battleground: विदेशमंत्री ने बताया किन मुद्दों पर लोकसभा में होती है वोटिंग? आखिर जयशंकर को BJP की जीत पर भरोसा क्यों
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;