मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की तीसरी बैठक होने वाली है. शिवसेना (यूबीटी) इस बैठक की मेजबानी करेगी, जहां एकजुट विपक्ष द्वारा अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही 11 सदस्यीय समन्वय समिति भी नामित की जा सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, "मुंबई की बैठक में, हम तय करेंगे कि वो 11 सदस्य कौन होंगे? संयोजक कौन होंगे?"
ये बैठक नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव और उन्हें मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करने की योजना के कुछ दिनों बाद हो रही है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के 90 मिनट बाद विपक्ष के वॉकआउट के बाद मणिपुर का संक्षेप में जिक्र किया था.
संसद में विपक्षी एकजुटता देखने से ऐसा लगता है कि विपक्ष ने विधानसभा चुनाव के अगले दौर और अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए एक रोडमैप तैयार का अपना काम पूरा कर लिया है.
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हालांकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेताओं के कुछ बयानों के मद्देनजर विपक्षी एकता के सवाल को भी सुलझाने की जरूरत है, जिनका कांग्रेस के साथ अस्पष्ट समझौता लगातार खतरे में दिख रहा है.
सोशल मीडिया पर शेयर वीडियो के कैप्शन में मोटे तौर पर लिखा है, "जो लोग देश में तानाशाही लाना चाहते हैं, हम उनके ख़िलाफ़ हैं."
जे देशात हुकूमशाही आणू पाहतात,
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) August 28, 2023
त्यांच्या विरोधात आम्ही असणार!#INDIA #जितेगाइंडिया #JeetegaINDIA pic.twitter.com/6bxM3mXdtz
दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद प्रमुख हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी इसमें शामिल होंगे, जिनकी पार्टी जून में भतीजे अजित पवार के विद्रोह के बाद टूट गई थी, और वो महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे.
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वहीं इस गठबंधन को 'नई बोतल में पुरानी शराब' बताते हुए, बीजेपी ने 'इंडिया' को 'भारत' के आमने-सामने खड़ा कर दिया था.
पीएम मोदी ने कहा, "आज लोग देख रहे हैं कि कौन-कौन लोग एनडीए का हिस्सा हैं. वे शोषित और वंचित, आदिवासियों और पिछड़े समुदायों के लिए काम करते हैं. ये देश के लोगों को समर्पित है."
उन्होंने कहा, "इसका आदर्श वाक्य है राष्ट्र पहले, प्रगति पहले, लोगों का सशक्तिकरण पहले... एनडीए गांधी और अंबेडकर की कल्पना के अनुसार सामाजिक न्याय कर रहा है."
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