ये बैठक नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव और उन्हें मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करने की योजना के कुछ दिनों बाद हो रही है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के 90 मिनट बाद विपक्ष के वॉकआउट के बाद मणिपुर का संक्षेप में जिक्र किया था.
संसद में विपक्षी एकजुटता देखने से ऐसा लगता है कि विपक्ष ने विधानसभा चुनाव के अगले दौर और अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए एक रोडमैप तैयार का अपना काम पूरा कर लिया है.
इसे भी पढ़ें : "मुझे कुछ नहीं बनना है बल्कि...", INDIA के संयोजक बनने के सवाल पर बोले सीएम नीतीश कुमार
हालांकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के नेताओं के कुछ बयानों के मद्देनजर विपक्षी एकता के सवाल को भी सुलझाने की जरूरत है, जिनका कांग्रेस के साथ अस्पष्ट समझौता लगातार खतरे में दिख रहा है.
आमंत्रण जारी करने वाली शिवसेना (यूबीटी) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक टीज़र वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें नए ब्लॉक की पिछली बैठकों का वीडियो शामिल है. पिछले महीने बेंगलुरु में इस गठबंधन ने अपने नाम की घोषणा की थी. सोशल मीडिया पर शेयर वीडियो के कैप्शन में मोटे तौर पर लिखा है, "जो लोग देश में तानाशाही लाना चाहते हैं, हम उनके ख़िलाफ़ हैं."
दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद प्रमुख हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी इसमें शामिल होंगे, जिनकी पार्टी जून में भतीजे अजित पवार के विद्रोह के बाद टूट गई थी, और वो महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे.
बेंगलुरु में विपक्षी गुट के नए नाम की घोषणा करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, "लड़ाई एनडीए और इंडिया, नरेंद्र मोदी और इंडिया, उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच है. लड़ाई भारत के दो अलग-अलग विचारों के बारे में है. ये लड़ाई देश की आवाज़ के लिए है." इसे भी पढ़ें : मुंबई की बैठक में कुछ और राजनीतिक दल 'इंडिया' में होंगे शामिल : नीतीश कुमार
वहीं इस गठबंधन को 'नई बोतल में पुरानी शराब' बताते हुए, बीजेपी ने 'इंडिया' को 'भारत' के आमने-सामने खड़ा कर दिया था.
पीएम मोदी ने कहा, "आज लोग देख रहे हैं कि कौन-कौन लोग एनडीए का हिस्सा हैं. वे शोषित और वंचित, आदिवासियों और पिछड़े समुदायों के लिए काम करते हैं. ये देश के लोगों को समर्पित है."
उन्होंने कहा, "इसका आदर्श वाक्य है राष्ट्र पहले, प्रगति पहले, लोगों का सशक्तिकरण पहले... एनडीए गांधी और अंबेडकर की कल्पना के अनुसार सामाजिक न्याय कर रहा है."