भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकियों की मीटिंग हुई थी. खबर है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े करीब 200 से ज़्यादा आतंकी और कमांडरों ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया था. इस मीटिंग का मकसद भारत से बदला लेना था. ये बैठक एक खुले मैदान में टेंट लगाकर की गई थी.

इस मीटिंग में अलग-अलग प्रांतों से जैश के अलावा लश्कर के कई आतंकियों और कमांडरों को बुलाया गया था. सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में ISI से जुड़े कई अधिकारी भी शामिल थे.

मीटिंग में तय हुआ कि सभी तंजीमों (संगठनों) के कमांडर जेहादियों की अलग-अलग मीटिंग लेंगे. जिनमें जेहादियों को भड़काऊ तक़रीरों के ज़रिए बदला लेने के लिए उकसाया जाएगा.

इसमें पोस्टर्स में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को शहीद का दर्जा दिया गया. बहावलपुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश के हेडक्वार्टर पर हुए हमले के वीडियो भी दिखाए गए. ऑपरेशन सिंदूर में जैश हेडक्वार्टर खंडहर में तब्दील फोटो का इस्तेमाल पोस्टर पर भी किया गया.

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