जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले के एक सुदूर गांव से फरार होने में सफल रहे आतंकवादी का पता लगाने के लिए सुरक्षा बलों ने मंगलवार को आसपास के गांवों में तलाशी अभियान का दायरा बढ़ा दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को तुली इलाके के गली सोहाब गांव में शुरुआती मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया और दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे, जबकि ढलान पर मौजूद एक घर से में छिपा दूसरा आतंकवादी भागने में सफल रहा.
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने आज तड़के भारी गोलीबारी के बीच घर में प्रवेश किया लेकिन दूसरे आतंकी का कुछ पता नहीं चला. माना जा रहा है कि वह इसी घर में छिपा था. हालांकि पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल ने मारे गये आतंकवादी का शव बरामद कर लिया और एक एके राइफल, दो मैगजीन, एक छोटी डायरी तथा कुछ दवाएं और खानेपीने का सामान भी जब्त किया. अधिकारियों ने बताया कि इलाके में बलों को भेजा गया और आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों को सील कर दिया गया तथा फरार आतंकवादी की तलाश में अभियान जारी है.
जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि पुलिस के साथ सेना आतंकवादियों की जघन्य करतूतों को समाप्त करने के लिए रियासी जिले के जंगली क्षेत्रों में लगातार अभियान चला रही है. उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘‘दो सशस्त्र आतंकवादियों की मौजूदगी की विशिष्ट सूचना के आधार पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया.'' अधिकारी ने बताया कि घिरे हुए घर में छिपे आतंकवादियों ने बाहर तैनात सुरक्षा बलों पर गोली चला दी और भारी गोलीबारी में एक आतंकवादी ढेर हो गया.
लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल ने कहा, ‘‘मुठभेड़ के बाद घर और आसपास के इलाकों में सघन तलाशी में एक आतंकवादी का शव और युद्ध में इस्तेमाल होने जैसी कुछ सामग्री का भंडार मिला है. तलाशी अभियान प्रगति पर है.'' उन्होंने कहा कि तीन सितंबर को इसी इलाके में सेना ने एक आईईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया था. जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों की इन लगातार दो कार्रवाइयों से एक बड़ी घटना को होने से रोक दिया गया. दूरदराज के क्षेत्रों में भारी हथियारबंद आतंकवादियों की मौजूदगी पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से को अस्थिर करने की शत्रु ताकतों की कोशिशों की ओर इशारा करती है.''
अधिकारियों ने कहा कि गांव में सोमवार दोपहर करीब दो बजे मुठभेड़ शुरू हुई जब संयुक्त बलों ने उस घर का घेराव कर लिया जहां आतंकवादियों ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात हथियार के बल पर शरण ली थी. अधिकारियों ने बताया कि घर में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बल चार घंटे से ज्यादा समय तक दुर्गम रास्तों पर पैदल चलकर गांव में पहुंचे और आतंकवादियों को घेर लिया. उन्होंने बताया कि घेराबंदी से बच निकलने के लिए आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दिया, पर भाग नहीं सके. अधिकारियों ने कहा कि मारा गया आतंकवादी राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में गतिविधियां चला रहे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल का हिस्सा था. इसी समूह के दो सदस्य पांच अगस्त को राजौरी के खवास इलाके में मारे गये थे.
उस दिन एक आतंकवादी का शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किया गया था, एक अन्य आतंकवादी का शव जो नदी में कूद गया था, 18 अगस्त को रियासी जिले के एक गांव से बरामद किया गया था. राजौरी के साथ सीमावर्ती जिले पुंछ में इस साल कई मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें करीब 20 आतंकवादी मारे गए हैं और 10 सुरक्षाकर्मियों की भी जान गई है. अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ करने की कोशिश के दौरान मारे गए.
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