इस तरह के आदेश का मकसद सरकारी खर्च को कम रखना है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सरकार ने आदेश जारी किया है कि संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के स्तर के पद सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी आवश्यक है जबकि इससे नीचे के पदों के लिए वित्त मंत्री की मंजूरी चाहिए. ये उपाय इस संबंध में पहले के सभी आदेशों के ऊपर लागू होंगे. इनका मकसद सरकारी खर्च को कम रखना है.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने पिछले सभी आदेशों को वापस लेते हुये कहा कि संयुक्त सचिव से नीचे के पद के लिए केवल वित्त मंत्री और संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के पद सृजित करने के लिये मंत्रिमंडल सक्षम प्राधिकरण होगा. इसमें आगे कहा गया है कि संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के स्तर के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतों को छोड़कर अन्य मामलों में मंत्रिमंडल के अलावा और कोई और स्थाई समिति सक्षम प्राधिकरण नहीं है.
आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार नए सृजित पदों को छोड़कर किसी भी मंत्रालय, विभाग या फिर सांविधिक संस्थाओं में अन्य सभी पद जो कि पिछले दो साल से खाली पड़े हैं अथवा उन्हें स्थगित रखा गया है, को समाप्त पद मान लिया जायेगा. हालांकि, इस मामले में यह देखना होगा कि इस पद को सृजित करते समय कोई छूट तो नहीं दी गई थी.
सभी मंत्रालयों और विभाग से पांच साल अथवा इससे अधिक समय से खाली पड़े पदों को समाप्त करने के बारे में तीन महीने के भीतर की गई कारवाई पर रिपोर्ट जमा कराने को कहा गया है. कार्यालय ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सांविधिक पदों के सृजन के लिये विभाग की मंजूरी जरूरी नहीं है.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने पिछले सभी आदेशों को वापस लेते हुये कहा कि संयुक्त सचिव से नीचे के पद के लिए केवल वित्त मंत्री और संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के पद सृजित करने के लिये मंत्रिमंडल सक्षम प्राधिकरण होगा. इसमें आगे कहा गया है कि संयुक्त सचिव और इससे ऊपर के स्तर के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतों को छोड़कर अन्य मामलों में मंत्रिमंडल के अलावा और कोई और स्थाई समिति सक्षम प्राधिकरण नहीं है.
आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार नए सृजित पदों को छोड़कर किसी भी मंत्रालय, विभाग या फिर सांविधिक संस्थाओं में अन्य सभी पद जो कि पिछले दो साल से खाली पड़े हैं अथवा उन्हें स्थगित रखा गया है, को समाप्त पद मान लिया जायेगा. हालांकि, इस मामले में यह देखना होगा कि इस पद को सृजित करते समय कोई छूट तो नहीं दी गई थी.
सभी मंत्रालयों और विभाग से पांच साल अथवा इससे अधिक समय से खाली पड़े पदों को समाप्त करने के बारे में तीन महीने के भीतर की गई कारवाई पर रिपोर्ट जमा कराने को कहा गया है. कार्यालय ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सांविधिक पदों के सृजन के लिये विभाग की मंजूरी जरूरी नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं