महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) ने गठबंधन करके सरकार का गठन किया और शनिवार को महाविकास आघाडी (MVA) की इस सरकार को सत्ता में आए एक साल पूरा हो गया. इस मौके पर सरकार और विपक्ष दोनों की ओर से बयानबाजी भी हुई. 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन के साथ महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया. सरकार के भविष्य को लेकर कई बार सवाल उठे, लेकिन अब इस सरकार का एक साल पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर हमला किया और कहा कि एक साल में राज्य में कुछ नहीं हुआ.
बीजेपी (BJP) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ''एक साल में इस सरकार ने अगर कुछ किया है तो केवल पिछली सरकार के निर्णयों पर स्टे लगाने का काम किया है. पूरे महाराष्ट्र में चक्रवात, बारिश, बाढ़ के कारण किसान परेशान हैं, उनकी फसल खत्म हो गई. मुख्यमंत्री बनाने का वचन उद्धव जी को याद रहा, लेकिन जो वचन आपने किसानों को दिया था कि आप उन्हें 25 हजार रुपये की मदद करेंगे, वो वचन आप भूल गए. एक अघोषित आपातकाल महाराष्ट्र में दिखाई पड़ता है.''
पिछले एक साल में महाराष्ट्र सरकार में आरे को जंगल घोषित करने का मुद्दा, केंद्र सरकार के साथ जीएसटी की बकाया रकम का मुद्दा उठा और बुलेट ट्रेन पर केंद्र के साथ मतभेद उभरे. कोविड के मामले बढ़े और राज्य में लॉकडाउन का ऐलान हुआ. अस्पताल, जंबो सेंटर बनाए गए, निसर्ग चक्रवात और बेमौसम बारिश का असर हुआ. पालघर में साधुओं की हत्या हुई, सुशांत सिंह मामला, कंगना मामला पर राज्य सरकार पर विपक्ष के हमले हुए. सरकार के राज्यपाल के साथ मतभेद और सीबीआई व ईडी के साथ मतभेद हुए.
विपक्ष के सवालों पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने ही अंदाज़ में जवाब दिया. संजय राउत ने कहा कि ''देवेंद्र फडणवीस नेता प्रतिपक्ष हैं, लीडर ऑफ अपोज़ीशन हैं.. एक साल पूरा होने पर एक अच्छा माहौल है. सभी लोग अपने-अपने तरीके से यह दिन मना रहे हैं. अगर वो इस तरह मनाते हैं, तो उनका स्वागत है.''
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