नई दिल्ली:
जम्मू एवं कश्मीर के कारगिल सेक्टर में बर्फ के तूफान की चपेट में आकर लापता हुए सिपाही का शव तीन दिन के बचाव अभियान के बाद तलाश कर लिया गया है।
17 मार्च को भारतीय थलसेना की एक पोस्ट हल्की तीव्रता के भूकंप की वजह से आए बर्फ के तूफान की चपेट में आ गई थी, और निगरानी की ड्यूटी पर तैनात दो सिपाही भी उसके लपेटे में आ गए थे। सेना ने तत्काल ही खोज अभियान शुरू कर दिया था, और दोनों में से एक सिपाही सुजीत को उसी दिन बचा लिया गया था, जिसकी हालत अब स्थिर है।
दूसरे सिपाही विजय कुमार को तलाश करने के लिए बचाव अभियान को खराब मौसम के बावजूद 15 फुट गहरी बर्फ में तीन दिन तक लगातार जारी रखा गया। अभियान के दौरान कुत्तों, गहराई तक काम करने वाले राडारों तथा मेटल डिटेक्टरों का भी इस्तेमाल किया गया।
अब विजय कुमार का शव लगभग 12 फुट बर्फ में दबा दिख गया है, और उसे निकालकर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में वल्लारामपुरम स्थित गृहनगर ले जाया जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
विजय कुमार के परिवार में उसके माता-पिता तथा दो छोटी बहनें हैं। उत्तरी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुडा ने सिपाही विजय कुमार के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
17 मार्च को भारतीय थलसेना की एक पोस्ट हल्की तीव्रता के भूकंप की वजह से आए बर्फ के तूफान की चपेट में आ गई थी, और निगरानी की ड्यूटी पर तैनात दो सिपाही भी उसके लपेटे में आ गए थे। सेना ने तत्काल ही खोज अभियान शुरू कर दिया था, और दोनों में से एक सिपाही सुजीत को उसी दिन बचा लिया गया था, जिसकी हालत अब स्थिर है।
दूसरे सिपाही विजय कुमार को तलाश करने के लिए बचाव अभियान को खराब मौसम के बावजूद 15 फुट गहरी बर्फ में तीन दिन तक लगातार जारी रखा गया। अभियान के दौरान कुत्तों, गहराई तक काम करने वाले राडारों तथा मेटल डिटेक्टरों का भी इस्तेमाल किया गया।
अब विजय कुमार का शव लगभग 12 फुट बर्फ में दबा दिख गया है, और उसे निकालकर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में वल्लारामपुरम स्थित गृहनगर ले जाया जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
विजय कुमार के परिवार में उसके माता-पिता तथा दो छोटी बहनें हैं। उत्तरी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुडा ने सिपाही विजय कुमार के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।