विज्ञापन
This Article is From Feb 07, 2024

उमर अब्दुल्ला ने राजौरी जाने की अनुमति नहीं मिलने पर बीजेपी पर निशाना साधा

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पहले के बयान को दोहराया कि लोकतंत्र को जम्मू-कश्मीर तक पहुंचने की अनुमति नहीं है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ उन्होंने एक बार फिर इसे साबित कर दिया है. वे कह रहे हैं कि हर कोई राजनीतिक गतिविधियां के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यह केवल उनके लिए है जो भाजपा और उसकी सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं.’’

उमर अब्दुल्ला ने राजौरी जाने की अनुमति नहीं मिलने पर बीजेपी पर निशाना साधा

जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि यहां पुलिस ने उनके घर के द्वार पर ताला लगा दिया और उन्हें राजौरी जिले के सुंदरबनी इलाके में जाने से रोकने के लिए उन्हें एक ‘‘अपराधी'' की तरह उनके कार्यालय तक ले जाया गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.''

उन्होंने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ और जैसे-जैसे (लोकसभा) चुनाव नजदीक आएंगे, मुझे यकीन है कि इस तरह के और भी प्रतिबंध लगाये जाएंगे.'' अब्दुल्ला ने कहा कि कानून-व्यवस्था के नाम पर ‘‘आज सुबह से मेरे घर के दरवाजों पर ताला लगा दिया गया.''

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने तस्वीरें इसलिए ली क्योंकि मुझे पता है कि पुलिस बाद में मुझ पर प्रतिबंध लगाने की बात से इनकार कर देगी.'' नेकां के उपाध्यक्ष ने कहा कि वह एक पार्टी समारोह में हिस्सा लेने के लिए राजौरी के सुंदरबनी इलाके में जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने कहा, ‘‘ यहां तक कि उप-संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) भी मेरे साथ (पार्टी) कार्यालय में गए जैसे किसी अपराधी को ले जाया जा रहा हो. यह पहली बार है कि एसडीपीओ मेरे साथ मेरे घर से कार्यालय तक व्यक्तिगत रूप से यह देखने के लिए गए कि मैं कहीं अन्य जगह तो नहीं जा रहा.''

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पहले के बयान को दोहराया कि लोकतंत्र को जम्मू-कश्मीर तक पहुंचने की अनुमति नहीं है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ उन्होंने एक बार फिर इसे साबित कर दिया है. वे कह रहे हैं कि हर कोई राजनीतिक गतिविधियां के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यह केवल उनके लिए है जो भाजपा और उसकी सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘ हम जैसे लोग जो सरकार या भाजपा के चापलूस नहीं हैं, उन पर ही इस प्रकार के प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं. अब तो हम ऐसी चीजों के आदी हो गए हैं.'' उनसे सवाल किया गया कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई क्योंकि अधिकारियों को आशंका थी कि पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने के बाद गुज्जर समुदाय के बीच चल रहा तनाव उनके दौरे से और भड़क सकता है. इस पर उमर ने कहा, ‘‘ इसका मतलब है कि सरकार कमजोर है और मैं अकेले ही माहौल बिगाड़ सकता हूं.'' नेकां नेता ने कहा कि सरकार की कार्रवाई से पता चलता है कि उसके पास कोई शक्ति, क्षमता और साहस नहीं है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com