श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को क्षमादान दिए जाने के मुद्दे पर यदि विधानसभा में मतदान कराया जाता है तो राज्य में सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस का रुख पार्टी के विधायक तय करेंगे। यहां आयोजित एक कार्यक्रम के इतर उमर अब्दुल्ला ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अफजल गुरु के लिए क्षमादान चाहने वाले एक निर्दलीय सदस्य द्वारा पेश प्रस्ताव पर फैसला लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उन्होंने कहा "यदि प्रस्ताव पर मतदान कराया जाता है तब नेशनल कांफ्रेंस विधायक दल निर्णय लेगा कि पार्टी को क्या करना चाहिए।" उमर ने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष फैसला लेंगे कि इस मुद्दे पर मतदान कराया जाए या नहीं।" उमर ने ट्विटर पर लिखी अपनी उस टिप्पणी का बचाव किया जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश रचने के तीन दोषियों को मिली मौत की सजा के लिए क्षमादान सम्बंधी तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने पर दी थी। उमर ने कहा, "इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुझे चुप नहीं करा सकती। मेरे राज्य के लोग यदि चाहें तो मुझे चुप करा सकते हैं, क्योंकि उन्हें यह हक हासिल है।" ज्ञात हो कि भाजपा ने अब्दुल्ला के उस ट्वीट की आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कश्मीर विधानसभा में अफजल गुरु को क्षमादान चाहने वाला प्रस्ताव पारित हो जाता है तो उस पर क्या उतनी ही हल्की प्रतिक्रिया होगी जितनी कि तमिलनाडु विधानसभा में राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों के लिए क्षमादान सम्बंधी प्रस्ताव पारित होने पर हुई थी। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी से निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अफजल गुरु को क्षमादान दिए जाने की मांग की गई है। विधानसभा अध्यक्ष मुहम्मद अकबर लोन ने कहा है कि उन्हें लगता है कि इस प्रस्ताव पर मतदान की अनुमति देना संवैधानिक रूप से गलत नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल एनएन वोहरा की पहल पर कश्मीर विधानसभा का हेमंत सत्र 26 अगस्त को अल्प अवधि के लिए शुरू हो चुका है।