ओडिशा रेल हादसा: रेल मंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक, रेलवे नेटवर्क को लेकर दिया यह निर्देश 

रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को यह सुनिश्चित करने के सोमवार को निर्देश जारी किए थे कि सिग्नल प्रणाली संबंधी प्रोटोकॉल से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके.

ओडिशा रेल हादसा: रेल मंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक, रेलवे नेटवर्क को लेकर दिया यह निर्देश 

रेल मंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियोंं को रेलवे नेटवर्क को लेकर निर्देश दिए. (फाइल)

नई दिल्‍ली :

ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद बचाव एवं राहत कार्य की समीक्षा कर दिल्ली लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. सूत्रों ने बताया कि रेल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को ऐसी योजना बनाने का निर्देश दिया कि रेलवे नेटवर्क से कोई बाहरी तत्व छेड़छाड़ न कर सकें. मंत्री को जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ भी सुरक्षा संबंधी मामले पर बैठक करनी थी, लेकिन इसकी अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लोहाती ने की.

सूत्रों ने बताया कि डिजिटल बैठक शाम करीब पांच बजे शुरू हुई और दो घंटे चली. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में रेल मंत्री मौजूद नहीं थे.

रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को यह सुनिश्चित करने के सोमवार को निर्देश जारी किए थे कि सिग्नल प्रणाली संबंधी प्रोटोकॉल से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके.

गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को ‘लूप लाइन' पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए. इस हादसे में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हैं.

सूत्र संकेत देते हैं कि घटना की प्रारंभिक जांच के बाद न केवल ‘‘सिग्नल प्रणाली'' में हस्तक्षेप, बल्कि एक संभावित मानवीय लापरवाही का भी पता चला है. उन्होंने संकेत दिया कि जहां सिग्नल प्रणाली स्थापित है, उस रिले कक्ष का दरवाजा खुला रखा गया था. बहरहाल, यहां अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

मंत्री ने हादसे के बाद दावा किया कि ‘इंटरलॉक प्रणाली' में बदलाव किया गया था जो एक ‘‘आपराधिक कृत्य'' है, लेकिन रेल अधिकारियों का कहना है कि यह प्रणाली ‘‘छेड़छाड़ और असफल होने के मामले में 99 प्रतिशत तक अभेद्य'' है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)