हादसे में 21 लोगों की हुई थी मौत (फाइल फोटो)
भुवनेश्वर:
भुवनेश्वर के एक एसयूएम निजी अस्पताल में सोमवार को लगी भयावह आग की घटना को लेकर आलोचनाओं से घिरे ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अतनु सव्यसाची नायक ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया, वहीं विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देने को कहा.
अस्पताल में आग लगने से 23 लोगों की मौत हो गयी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘श्रीमान अतनु सव्यसाची नायक ने अपना त्यागपत्र मुझे भेजा है. उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है. मैंने इसे स्वीकार कर लिया है और राज्यपाल को भेज दिया है.’
सूचना और जनसंपर्क विभाग का प्रभार भी संभाल रहे नायक ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब पुलिस ने मामले में गिरफ्तार एसयूएम अस्पताल के मालिक मनोज रंजन नायक से पूछताछ शुरू की है. मनोज नायक को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया. सूत्रों ने कहा कि पुलिस द्वारा मनोज रंजन नायक से पूछताछ शुरू करने के कुछ घंटे बाद ही मंत्री का इस्तीफा आया है.
विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री पर एसयूएम अस्पताल के मालिक को बचाने का आरोप लगाया था. विपक्षी दलों ने यह आरोप भी लगाया कि मनोज नायक के स्वामित्व वाले शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में अतनु की पत्नी कर्मचारी हैं. आरोप है कि मनोज नायक से मंत्री की करीबी की वजह से खुरदा के कलेक्टर निरंजन साहू और चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग के निदेशक पी सी महापात्र ने एसयूएम अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
मनोज नायक भी मंत्री की तरह केंद्रपाड़ा जिले के रहने वाले हैं. नायक ने गुरुवार को पहली बार खुद अस्पताल में अग्निसुरक्षा उपायों में खामियों की बात कबूली थी. अस्पताल पर आग से सुरक्षा के उपकरणों को सुधारने के सरकार के 2013 में जारी एक परामर्श की अनदेखी का भी आरोप है. जैसे ही मुख्यमंत्री ने नायक के इस्तीफे की घोषणा की, विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने उन पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता गणेश्वर बहेरा ने कहा, ‘हम नायक के इस्तीफे का स्वागत करते हैं. हालांकि उचित होगा अगर मुख्यमंत्री भी इसी नैतिक आधार पर इस्तीफा दें. क्योंकि आग में लोग मारे गये हैं और दमकल विभाग पटनायक के अधीन आने वाले गृह विभाग में आता है.’ विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा (कांग्रेस) ने कहा कि जब तक पटनायक इस्तीफा नहीं देते तब तक तटस्थ जांच नहीं हो सकती क्योंकि वह गृहमंत्री भी हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पांडा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि पटनायक के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी. ओडिशा भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री और अतनु नायक के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अस्पताल में आग लगने से 23 लोगों की मौत हो गयी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘श्रीमान अतनु सव्यसाची नायक ने अपना त्यागपत्र मुझे भेजा है. उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है. मैंने इसे स्वीकार कर लिया है और राज्यपाल को भेज दिया है.’
सूचना और जनसंपर्क विभाग का प्रभार भी संभाल रहे नायक ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब पुलिस ने मामले में गिरफ्तार एसयूएम अस्पताल के मालिक मनोज रंजन नायक से पूछताछ शुरू की है. मनोज नायक को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें दो दिन की रिमांड पर लिया. सूत्रों ने कहा कि पुलिस द्वारा मनोज रंजन नायक से पूछताछ शुरू करने के कुछ घंटे बाद ही मंत्री का इस्तीफा आया है.
विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री पर एसयूएम अस्पताल के मालिक को बचाने का आरोप लगाया था. विपक्षी दलों ने यह आरोप भी लगाया कि मनोज नायक के स्वामित्व वाले शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में अतनु की पत्नी कर्मचारी हैं. आरोप है कि मनोज नायक से मंत्री की करीबी की वजह से खुरदा के कलेक्टर निरंजन साहू और चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग के निदेशक पी सी महापात्र ने एसयूएम अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
मनोज नायक भी मंत्री की तरह केंद्रपाड़ा जिले के रहने वाले हैं. नायक ने गुरुवार को पहली बार खुद अस्पताल में अग्निसुरक्षा उपायों में खामियों की बात कबूली थी. अस्पताल पर आग से सुरक्षा के उपकरणों को सुधारने के सरकार के 2013 में जारी एक परामर्श की अनदेखी का भी आरोप है. जैसे ही मुख्यमंत्री ने नायक के इस्तीफे की घोषणा की, विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने उन पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता गणेश्वर बहेरा ने कहा, ‘हम नायक के इस्तीफे का स्वागत करते हैं. हालांकि उचित होगा अगर मुख्यमंत्री भी इसी नैतिक आधार पर इस्तीफा दें. क्योंकि आग में लोग मारे गये हैं और दमकल विभाग पटनायक के अधीन आने वाले गृह विभाग में आता है.’ विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा (कांग्रेस) ने कहा कि जब तक पटनायक इस्तीफा नहीं देते तब तक तटस्थ जांच नहीं हो सकती क्योंकि वह गृहमंत्री भी हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पांडा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि पटनायक के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी. ओडिशा भाजपा ने इस मामले में मुख्यमंत्री और अतनु नायक के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
अतनु सव्यसाची नायक, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री, एसयूएम अस्पताल अग्निकांड, Atanu Sabyasachi Nayak, Odisha Health Minister, Odisha Fire Tragedy, SUM Hospital