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This Article is From Aug 02, 2021

नगालैंड के संगठन ने दो अगस्त की मध्यरात्रि से 12 घंटे के बंद का आह्वान किया

एनएससीएन (आईएम) ने छह साल पहले हस्ताक्षरित रूपरेखा समझौते पर भारत सरकार की कथित "चुप्पी" के खिलाफ बंद का आह्वान किया

नगालैंड के संगठन ने दो अगस्त की मध्यरात्रि से 12 घंटे के बंद का आह्वान किया
नगा नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
दीमापुर:

एनएससीएन (आईएम) ने रविवार को छह साल पहले हस्ताक्षरित रूपरेखा समझौते पर भारत सरकार की कथित "चुप्पी" के खिलाफ दो अगस्त की मध्यरात्रि से सभी नगा बहुल इलाकों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. इसाक-मुइवा के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम या एनएससीएन (आईएम) 1997 से केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रही है और दोनों पक्षों ने अगस्त 2015 में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

नगालैंड में स्थायी शांति लाने के प्रयास जून से रुके हुए हैं क्योंकि एनएससीएन (आईएम) ने केंद्र सरकार द्वारा उसे "कर" इकट्ठा करने से रोकने के प्रयास का विरोध किया है. सरकार का कहना है कि कराधान सरकार का संप्रभु अधिकार है और नगा समूहों द्वारा "कर" के रूप में एकत्र किया गया धन जबरन वसूली माना जाएगा.

एनएससीएन (आईएम) ने एक बयान में कहा, "छह साल बीत जाने के बाद भी भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है. नगाओं के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता.''

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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