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This Article is From Aug 10, 2018

इस कारण से अपनी वर्दी से खुश नहीं हैं उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारी, रेलवे बोर्ड को लिखा पत्र

उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड को अपनी वर्दी में बदलाव के संबंध में पत्र लिखा है. उन्होंने अपनी वर्दी में बदलाव की मांग को लेकर अपने पत्र में लिखा कि उनकी वर्दी में एप्रन को शामिल किया जाए.

इस कारण से अपनी वर्दी से खुश नहीं हैं उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारी, रेलवे बोर्ड को लिखा पत्र
प्रतीकात्मक इमेज
नई दिल्ली: उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड को अपनी वर्दी में बदलाव के संबंध में पत्र लिखा है. उन्होंने अपनी वर्दी में बदलाव की मांग को लेकर अपने पत्र में लिखा कि उनकी वर्दी में एप्रन को शामिल किया जाए, जिससे कि वो अपने रोजाना के कपड़ों के उपर भी पहन सकें. उन्होंने कहा कि अधिकतक रेलवे स्टेशनों पर महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम नहीं होता इसलिए उन्होंने यह पत्र लिखा है. उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) की महिला शाखा की महासचिव सुनीता धीमान ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अश्विनी लोहानी को पत्र लिखकर उनसे वाणिज्यिक महिला कर्मचारियों मुख्यत: टिकट बुकिंग एवं आरक्षण में शामिल महिलाओं की वर्दी में बदलाव का अनुरोध किया है. महिला कर्मचारियों के काम के वर्ग के आधार पर उनकी वर्दी में सलवार कमीज या शर्ट-पैंट शामिल है. 

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महिला कर्मचारियों ने बोर्ड से कहा है कि उन्हें सिर्फ एक सफेद एप्रन दिया जाये जिसे वे अपने कपड़ों के ऊपर भी पहन सकें. धीमान ने बताया, ‘‘स्टेशनों पर महिला कर्मचारियों के लिये कोई चेंजिंग रूम नहीं है. हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे हमें एप्रन उपलब्ध करायें जिसे हम अपने रोजाना के कपड़ों के ऊपर भी पहन सकते हैं. यह हमारे समय की भी बचत करेगा. इसके अलावा वर्दी के लिये जो कपड़े हमें दिये जाते हैं वो पारदर्शी और बेहद खराब गुणवत्ता वाले होते हैं, जिसे हम लंबे समय तक नहीं पहन सकते.’’ अपने पत्र में धीमान ने कहा है कि दिल्ली रेलवे स्टेशन, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन और आनंद विहार टर्मिनल पर 93 महिला कर्मचारी काम करती हैं और उन सभी ने भी एप्रन की मांग के समर्थन में पत्र लिखा है. 

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उन्होंने कहा कि यहां तक कि वर्दी को लेकर समूचे उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारियों के साथ भी यही समस्या है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने नमूने के तौर पर उन्हें नाम एवं अक्षर लिखे बैज वाले एक सफेद एप्रन की तस्वीर भी भेजी है, ताकि वे यह समझ सकें कि किस प्रकार की वर्दी हमारे लिए आरामदायक है.’’
(इनपुट भाषा से)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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