अहमदाबाद की एक अदालत ने बुधवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. यह वारंट 2017 में पुलिस की अनुमति के बिना यहां रैली आयोजित करने के सिलसिले में उनके खिलाफ चल रहे एक मामले की सुनवाई के दौरान उनके अनुपस्थित रहने पर जारी किया गया. एक निचली अदालत ने पटेल के वकील द्वारा उन्हें पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज कर दी और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी टी ए भदेजा ने बुधवार को उनके वकील के आवेदन को खारिज करते हुए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
इससे पहले खबर आई थी कि गुजरात कांग्रेस के नेता और पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल का 18 जनवरी से कोई अता पता नहीं है. उन्हें 18 जनवरी को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. पटेल की पत्नी किन्जल ने सोमवार को यह दावा किया. पटेल को सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद अदालत की ओर से जारी गैर जमानती वारंट पर 18 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
पत्नी किन्जल का दावा- 18 जनवरी से लापता हैं हार्दिक पटेल
बता दें, पटेल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन से संबंधित राजद्रोह के मामलों का सामना कर रहे हैं. उन्हें चार दिन बाद जमानत दे दी गई थी, लेकिन पाटन और गांधीनगर जिलों में दर्ज दो मामलों के संबंध में उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया था. पटेल को 24 जनवरी को इन दोनों मामलों में जमानत मिल गई थी.
VIDEO: गुजरात में क्या पटेल बीजेपी के साथ जाएंगे?
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