उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर को कॉलेज छात्रा स्वीटी कुमारी एक कार की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी. मस्तिष्क में लगी गंभीर चोट के बाद वह एक स्थानीय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है. पहले से ही इलाज में लाखों खर्च कर रहा उसका परिवार अब आगे के खर्चों के लिए चिंतित है.
उसके माता-पिता मजदूर का काम करते हैं. दुर्घटना के एक दिन बाद वो बिहार से यहां पहुंचे हैं. उसके भाई और दोस्त सोशल मीडिया पर क्राउडफंडिंग के जरिए पैसे इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने जीएनओआईटी कॉलेज, जहां पीड़िता बीटेक अंतिम वर्ष की छात्रा है, वहां के साथी छात्रों से भी पैसे जुटाए हैं.
उसके माता-पिता और दोस्तों ने कहा कि अब तक परिवार ने चल रहे इस इलाज पर 8 लाख रुपये खर्च किए हैं, जिनमें से 4.5 लाख रुपये दान के जरिए आए हैं.
उसके पिता शिवनंदन पाल ने कहा, "हम सोच भी नहीं सकते कि हम इतने पैसे की व्यवस्था कैसे करेंगे, यह लगभग 2 लाख रुपये प्रति दिन है." वहीं मां लालमणि देवी ने कहा, "उसके दोस्त मदद कर रहे हैं. हमें मदद की ज़रूरत है, क्योंकि इलाज में लंबा समय लगेगा."
डॉक्टरों ने कहा है कि ब्रेन सर्जरी के बाद उनकी हालत स्थिर है, लेकिन पैर की हड्डी टूटने की वजह से सर्जरी की जरूरत होगी. सिर में चोट के अलावा उसके दोनों पैरों में कई फ्रैक्चर हैं.
कैलाश अस्पताल में उसका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, "हमने उसे वेंटिलेटर (लाइफ सपोर्ट) से हटा दिया है और वह अपनी आंखें खोलने में सक्षम है. लेकिन वह अभी तक किसी को बोलने या पहचानने में सक्षम नहीं है."
वहीं उनके भाई सुमित कुमार चंदा लेने के लिए ट्विटर और इंस्टाग्राम का सहारा ले रहे हैं. अस्पताल में क्राउडफंडिंग का नेतृत्व करने वाले एक दोस्त ने NDTV को बताया कि हमने छात्रों से पैसे इकट्ठा करके उसका इलाज शुरू किया, उन्होंने ₹500 या 1000 रुपये दिए. जितना वो अपनी पॉकेट मनी से दे सकते थे. उन्होंने कहा कि कॉलेज से एक लाख रुपये इकट्ठा हुए हैं.
एक अन्य कॉलेज साथी ने कहा कि कितनी जरूरत होगी, इसका अभी कोई अंदाजा नहीं है. उसे ठीक होने में महीनों लगेंगे, लेकिन हम जानते हैं कि परिवार इसे वहन नहीं कर सकत है, इसलिए हम मदद मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह पहले ही कॉलेज प्लेसमेंट ड्राइव में कुछ नौकरी के इंटरव्यू के लिए शामिल हो चुकी है और परीक्षा भी इसी सप्ताह शुरू हो रहे हैं.
एक दोस्त ने कहा, "वह एक एथलीट भी है. हम चाहते हैं कि वह मुस्कुराए.. दौड़े, फिर से अपना जीवन जी सके."
स्वीटी कुमारी के दो दोस्त 31 दिसंबर की रात करीब 9 बजे सड़क किनारे टहल रहे थे, तभी कार की चपेट में आने से उन्हें मामूली चोटें आईं हैं.
पुलिस कार और उसमें सवार लोगों का पता लगाने में नाकाम रही है. एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी का पता लगाने के लिए तीन टीमों को तैनात किया गया है.
घटना उसी रात की है जब पास की दिल्ली में अंजलि नाम की एक 20 वर्षीय लड़की की नए साल के शुरुआती घंटों में मौत हो गई थी, जब उसके स्कूटर को एक कार ने टक्कर मार दी थी और उसे वाहन के नीचे कई किलोमीटर तक घसीटा गया था.
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