दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से रविवार को सीबीआई ने करीब साढे आठ घंटे पूछताछ की. हालांकि पूछताछ से पहले कई विपक्षी दलों ने केजरीवाल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की थी. लेकिन केजरीवाल को लेकर कांग्रेस से दो अलग-अलग सुर सामने आ रहे हैं. जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें फोनकर एकजुटता दिखाई थी, वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा है कि केजरीवाल जैसे लोगों और उनके साथियों को किसी भी तरह की सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने आज एक ट्वीट कर कहा, "मेरा मानना है कि केजरीवाल जैसे लोगों और उनके साथियों को, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, किसी तरह की सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए. लिकरगेट और घीगेट के आरोपों की गहन जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए."
I believe that individuals like Kejriwal and his associates who face serious corruption charges should not be shown any sympathy or support.
— Ajay Maken (@ajaymaken) April 16, 2023
The allegations of LiquorGate and GheeGate must be thoroughly investigated and those found guilty should be punished.
It is important for…
अपने ट्वीट में माकन ने लिखा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक नेताओं के लिए यह पहचानना जरूरी है कि केजरीवाल ने भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का पंजाब, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया है."
माकन ने कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन के बाद केजरीवाल ने 2013 में भ्रष्टाचार से लड़ने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी, जिसने लोकपाल विधेयक को लागू करने का वादा किया था, जिसे विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार के समाधान के रूप में देखा था.
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, केजरीवाल ने सत्ता में आने के 40 दिन बाद फरवरी 2014 में एक मजबूत लोकपाल बिल की मांग करते हुए अपनी ही सरकार को भंग कर दिया. इसके बावजूद, दिसंबर 2015 में केजरीवाल ने लोकपाल विधेयक का कमजोर संस्करण पेश किया, जो 2014 में प्रस्तावित मूल विधेयक से बहुत अलग था. ''
उन्होंने कहा कि इससे केजरीवाल के असली चरित्र और मंशा का पता चलता है.
माकन ने कहा कि मूल विधेयक, जिसने केजरीवाल की 40 दिन की सरकार को भंग करने का आधार बनाया था, अभी तक लागू नहीं किया गया है.
माकन ने कहा, ‘‘ वर्ष 2015 के बाद से, केजरीवाल और उनकी पार्टी एक मजबूत लोकपाल विधेयक को आगे बढ़ाने में विफल रही है. इसके बजाय, वे केवल अधिक शक्ति की मांग के लिए अपने विरोध प्रदर्शन, मार्च और आरोप-प्रत्यारोप के लिए जाने जाते हैं.''
माकन ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं और वरिष्ठ संचालन समिति के सदस्यों से अपील की कि वे अदालत में केजरीवाल या उनकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने से बचें.
गौरतलब है कि कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले भी आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया है और केजरीवाल ने उनसे कानूनी सलाह की मांग की है.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीबीआई द्वारा कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन किए जाने के मद्देनजर शुक्रवार शाम को उनसे फोन पर बात की थी. सूत्रों ने बताया कि खरगे ने केजरीवाल को फोन किया और एकजुटता प्रकट की. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं की राय थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए व्यापक विपक्षी एकजुटता होनी चाहिए.
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