वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कराने के लिए विशेष सत्र बुलाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए बुधवार को मॉनसून सत्र का सत्रावसान करने का फैसला किया। विधेयक पारित होने में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने इस पर कांग्रेस से बात की और पाया कि मख्य विपक्षी दल संसद की कार्यवाही बाधित करने के अपने रवैये को बदलना नहीं चाहता है।
कांग्रेस ने इसके तुरंत बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वित्तमंत्री का बयान राजनीतिक पतंगबाजी है।
जेटली ने कहा कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने राष्ट्रपति को मानसून सत्र के सत्रावसान की सिफारिश करने का फैसला किया है।
वित्तमंत्री ने कहा, "शुरू में ऐसा लगा कि वे खासकर जीएसटी के मामले में कार्यवाही बाधित करने के अपने रवैये में बदलाव करने पर विचार करेंगे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन हमें बताया गया कि वे इसे जारी रखेंगे।"
कांग्रेस ललित मोदी के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापमं घोटाले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के त्यागपत्र मांग रही है। पार्टी ने इस मुद्दे पर मानूसन सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की।
जेटली ने कहा, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी सरकार और देश के लोगों दोनों पर गुस्सा निकाल रही है, जिन्होंने उसे सिर्फ 44 सीटें दी। विकास हमारी प्राथमिकता है और हम इसके लिए कोशिश करते रहेंगे।"
जेटली ने कहा, "कांग्रेस के पास सिर्फ एक हथियार है कि संसद की कार्यवाही को बाधित करना। संख्या उनके विरुद्ध है।"
उन्होंने कहा, "हम कोशिश जारी रखेंगे। कांग्रेस को छोड़कर शेष सभी पार्टियां विधेयक के पक्ष में है। कांग्रेस ने बहिर्गमन किया था। दूसरी पार्टियों ने नहीं किया था। स्थिति बदलने पर मंत्रिमंडल फिर से इस पर विचार करेगा।"
अब इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।
लोकसभा में हालांकि विधेयक पहले पारित हो चुका है, लेकिन संसदीय समिति द्वारा कुछ संशोधन सुझाने के कारण इसे फिर लोकसभा में पेश किया जाएगा। मॉनसून सत्र 13 अगस्त को समाप्त हुआ था।
जेटली के बयान के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "जेटली राजनीतिक पतंगबाजी कर रहे हैं और हम उन्हें सलाह देंगे कि वे वित्तमंत्री की भूमिका को अधिक गंभीरता से लें और साउथ ब्लॉक में अधिक समय दें, टेलीविजन स्टूडियो में कम।"
उन्होंने कहा, "हम वित्तमंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि विधेयक कांग्रेस ने तैयार किया था। आज भी कांग्रेस विधेयक के विरोध में नहीं है, बल्कि सिर्फ उस हिस्से के विरुद्ध है, जो इस विधेयक की आत्मा को मार रही है।"
उन्होंने कहा, "वह फिर से जीएसटी और विकास पर कब्जा करना चाह रहे हैं, जबकि उन्होंने सात साल तक जीएसटी का विरोध किया था।"
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जीएसटी का पुरजोर विरोध किया था।
उन्होंने कहा, "बजाय भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री की तरफ से देश से माफी मांगने के वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था, विकास और समावेशीकरण पर कांग्रेस को पाठ पढ़ा रहे हैं।"
कांग्रेस ने इसके तुरंत बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वित्तमंत्री का बयान राजनीतिक पतंगबाजी है।
जेटली ने कहा कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने राष्ट्रपति को मानसून सत्र के सत्रावसान की सिफारिश करने का फैसला किया है।
वित्तमंत्री ने कहा, "शुरू में ऐसा लगा कि वे खासकर जीएसटी के मामले में कार्यवाही बाधित करने के अपने रवैये में बदलाव करने पर विचार करेंगे। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन हमें बताया गया कि वे इसे जारी रखेंगे।"
कांग्रेस ललित मोदी के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापमं घोटाले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के त्यागपत्र मांग रही है। पार्टी ने इस मुद्दे पर मानूसन सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित की।
जेटली ने कहा, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी सरकार और देश के लोगों दोनों पर गुस्सा निकाल रही है, जिन्होंने उसे सिर्फ 44 सीटें दी। विकास हमारी प्राथमिकता है और हम इसके लिए कोशिश करते रहेंगे।"
जेटली ने कहा, "कांग्रेस के पास सिर्फ एक हथियार है कि संसद की कार्यवाही को बाधित करना। संख्या उनके विरुद्ध है।"
उन्होंने कहा, "हम कोशिश जारी रखेंगे। कांग्रेस को छोड़कर शेष सभी पार्टियां विधेयक के पक्ष में है। कांग्रेस ने बहिर्गमन किया था। दूसरी पार्टियों ने नहीं किया था। स्थिति बदलने पर मंत्रिमंडल फिर से इस पर विचार करेगा।"
अब इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।
लोकसभा में हालांकि विधेयक पहले पारित हो चुका है, लेकिन संसदीय समिति द्वारा कुछ संशोधन सुझाने के कारण इसे फिर लोकसभा में पेश किया जाएगा। मॉनसून सत्र 13 अगस्त को समाप्त हुआ था।
जेटली के बयान के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "जेटली राजनीतिक पतंगबाजी कर रहे हैं और हम उन्हें सलाह देंगे कि वे वित्तमंत्री की भूमिका को अधिक गंभीरता से लें और साउथ ब्लॉक में अधिक समय दें, टेलीविजन स्टूडियो में कम।"
उन्होंने कहा, "हम वित्तमंत्री को याद दिलाना चाहते हैं कि विधेयक कांग्रेस ने तैयार किया था। आज भी कांग्रेस विधेयक के विरोध में नहीं है, बल्कि सिर्फ उस हिस्से के विरुद्ध है, जो इस विधेयक की आत्मा को मार रही है।"
उन्होंने कहा, "वह फिर से जीएसटी और विकास पर कब्जा करना चाह रहे हैं, जबकि उन्होंने सात साल तक जीएसटी का विरोध किया था।"
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जीएसटी का पुरजोर विरोध किया था।
उन्होंने कहा, "बजाय भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री की तरफ से देश से माफी मांगने के वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था, विकास और समावेशीकरण पर कांग्रेस को पाठ पढ़ा रहे हैं।"
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