बलिया में 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी
बलिया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने रविवार को श्रमिक दिवस पर दुनिया को 'लेबर्स यूनाइट द वर्ल्ड' का नारा दिया और पूर्ववर्ती सरकारों पर गरीबों के बजाय मतपेटियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने का आरोप लगाया।
2019 तक 5 करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य
उन्होंने बलिया से 'उज्ज्वला योजना' की शुरुआत के पीछे किसी तरह के राजनीतिक मकसद से इनकार करते हुए कहा कि वह इस योजना के जरिये प्रदेश में चुनावी बिगुल बजाने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' से 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक पांच करोड़ गरीब परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंच जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाने से गृहणी के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं चला जाता है। घर में रहने वाले बच्चों को भी धुएं में गुजारा करना पड़ता है। इसका अनुभव वह खुद भी कर चुके हैं। गरीबों को उस कष्टदायक जिंदगी से मुक्ति दिलाने के लिये ही 'उज्ज्वला योजना' शुरू की गई है।
'गरीब को गरीबी से लड़ने की ताकत मिलनी जरूरी'
पीएम मोदी ने कहा, 'गरीबी हटाने के लिए नारे बहुत लगाए गए, कई योजनाएं बनीं, लेकिन वे योजनाएं गरीब के घर को नहीं, बल्कि मतपेटियों को ध्यान में रखकर बनाई गई। जब तक मतपेटियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जाएंगी, तब तक गरीबी खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गरीबी तभी जाएगी, जब गरीब को गरीबी से लड़ाई लड़ने की ताकत मिलेगी। उनकी सरकार गरीब व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम कर रही है।
'1.10 करोड़ लोगों ने स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ दी'
प्रधानमंत्री ने स्वेच्छा से रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वाले करीब एक करोड़ 10 लाख लोगों के लिए स्वयं और आम जनता से ताली बजवाकर अभिनंदन करते हुए कहा कि इस देश के लोग इतने महान हैं कि वे किसी अच्छे मकसद के लिए सरकार से भी दो कदम आगे चलने को तैयार रहते हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने यूं ही एक कार्यक्रम में दिल से यह बात कह दी थी कि आर्थिक रूप से समर्थ लोगों को स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए। उस वक्त हमने कोई योजना नहीं बनाई थी। एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा परिवारों ने प्रधानमंत्री की बात मानकर अपनी सब्सिडी छोड़ दी। हमने कहा था कि गरीबों के लिए जो सब्सिडी छोड़ेगा, वे पैसे सरकार के खजाने में नहीं, बल्कि गरीबों के घर में जाएंगे।
एक साल में 3 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दी
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वर्ष 1955 से रसोई गैस देने का काम चल रहा है। पिछले 60 सालों में सिर्फ 13 करोड़ परिवारों को रसोई गैस मिली, जबकि मौजूदा केंद्र सरकार ने एक साल में तीन करोड़ परिवारों को रसोई गैस दे दी। जिन लोगों ने सब्सिडी छोड़ी, उससे मिलने वाला गैस सिलिंडर गरीब के घर में पहुंच गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
2019 तक 5 करोड़ गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य
उन्होंने बलिया से 'उज्ज्वला योजना' की शुरुआत के पीछे किसी तरह के राजनीतिक मकसद से इनकार करते हुए कहा कि वह इस योजना के जरिये प्रदेश में चुनावी बिगुल बजाने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' से 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक पांच करोड़ गरीब परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंच जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाने से गृहणी के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं चला जाता है। घर में रहने वाले बच्चों को भी धुएं में गुजारा करना पड़ता है। इसका अनुभव वह खुद भी कर चुके हैं। गरीबों को उस कष्टदायक जिंदगी से मुक्ति दिलाने के लिये ही 'उज्ज्वला योजना' शुरू की गई है।
'गरीब को गरीबी से लड़ने की ताकत मिलनी जरूरी'
पीएम मोदी ने कहा, 'गरीबी हटाने के लिए नारे बहुत लगाए गए, कई योजनाएं बनीं, लेकिन वे योजनाएं गरीब के घर को नहीं, बल्कि मतपेटियों को ध्यान में रखकर बनाई गई। जब तक मतपेटियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जाएंगी, तब तक गरीबी खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गरीबी तभी जाएगी, जब गरीब को गरीबी से लड़ाई लड़ने की ताकत मिलेगी। उनकी सरकार गरीब व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम कर रही है।
'1.10 करोड़ लोगों ने स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ दी'
प्रधानमंत्री ने स्वेच्छा से रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वाले करीब एक करोड़ 10 लाख लोगों के लिए स्वयं और आम जनता से ताली बजवाकर अभिनंदन करते हुए कहा कि इस देश के लोग इतने महान हैं कि वे किसी अच्छे मकसद के लिए सरकार से भी दो कदम आगे चलने को तैयार रहते हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने यूं ही एक कार्यक्रम में दिल से यह बात कह दी थी कि आर्थिक रूप से समर्थ लोगों को स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए। उस वक्त हमने कोई योजना नहीं बनाई थी। एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा परिवारों ने प्रधानमंत्री की बात मानकर अपनी सब्सिडी छोड़ दी। हमने कहा था कि गरीबों के लिए जो सब्सिडी छोड़ेगा, वे पैसे सरकार के खजाने में नहीं, बल्कि गरीबों के घर में जाएंगे।
एक साल में 3 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दी
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वर्ष 1955 से रसोई गैस देने का काम चल रहा है। पिछले 60 सालों में सिर्फ 13 करोड़ परिवारों को रसोई गैस मिली, जबकि मौजूदा केंद्र सरकार ने एक साल में तीन करोड़ परिवारों को रसोई गैस दे दी। जिन लोगों ने सब्सिडी छोड़ी, उससे मिलने वाला गैस सिलिंडर गरीब के घर में पहुंच गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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