लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शनिवार को रात कहा कि लोकसभा में प्रश्नकाल का समय बदलने की कोई योजना नहीं है जैसा कि राज्यसभा में संसद के सोमवार से शुरू होने जा रहे शीतकाल सत्र में किया जाने वाला है।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रश्नकाल के लिए पूर्वाह्न 11 बजे के समय को नहीं बदले जाने के उनके रुख पर किसी भी दल के नेता ने अलग विचार व्यक्त नहीं किया।
सुमित्रा ने कहा कि शून्यकाल से दिन की शुरुआत करने से बचा जाना चाहिए क्योंकि अक्सर इसमें हंगामा होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि दिन की कार्यवाही की यह अच्छी शुरुआत नहीं होगी।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने कुछ दलों की आपत्तियों के बावजूद आगामी सत्र से प्रश्नकाल का समय पूर्वाह्न 11 बजे से बदल कर 12 बजे करने के अपने निर्णय पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। उनके इस कदम के पीछे यह विचार है कि प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही सुगमता से चल सके।
सुमित्रा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि शीतकालीन सत्र में संसद को सुचारू रूप से चलाने में वे सहयोग देंगे।
रात्रिभोज पर दी गयी इस बैठक में 18 दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें कांग्रेस के लोकसभा में नेता मल्लिकाजरुन खड़गे, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू एवं लोजपा के रामविलास पासवान शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
सुमित्रा ने कहा कि वाम, सपा, शिवसेना एवं तृणमूल के प्रतिनिधि अपनी पूर्व व्यवस्तताओं के कारण बैठक में भाग नहीं ले सके।
एक माह तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी जिमसें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए रखे गए हैं।
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